सार
योगी सरकार के दो मंत्री मंच में ही भिड़ गए। दरअसल यह मामला लखनऊ स्थित डॉ. संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान का है। जहां डिप्टी जेलरों की पासिंग आउट सेरेमनी थी। इसी दौरान ऐसी स्थिति बन गई कि दोनों मंत्री आपस में ही भिड़ गए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में डॉ. संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान (एसजेटीआई) में शुक्रवार को डिप्टी जेलरों की पासिंग आउट सेरेमनी थी। इस दौरान एक अजीबोगरीब स्थित बन गई जब कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्मवीर प्रजापति और राज्यमंत्री सुरेश राही आपस में भिड़ गए। अधिकारियों ने दोनों मंत्रियों को समझा-बुझाकर शांत कराया, तब कार्यक्रम संपन्न हो सका। डॉ. संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान के 113वें सत्रांत समारोह में धर्मवीर प्रजापति मुख्य अतिथि और सुरेश राही को विशिष्ट अतिथि थे। धर्मवीर प्रजापति को कारागार विभाग में बड़े मंत्री जी तो वहीं सुरेश राही को छोटा मंत्री जी कहा जाता है।
संबोधन के दौरान प्रजापति ने सुरेश राही का नहीं लिया नाम
धर्मवीर प्रजापति तय समय से करीब 15 मिनट पहले जबकि सुरेश राही तय समय पर समारोह में पहुंचे थे। धर्मवीर ने पहुंचने के बाद कार्यक्रम शुरू करा दिया। जिस समय सुरेश राही पहुंचे तो उस समय धर्मवीर नव प्रशिक्षित जेल अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान धर्मवीर ने डीजी जेल समेत सभी छोटे-छोटे अधिकारियों का नाम लिया लेकिन अपने जूनियर मंत्री सुरेश राही का नाम नहीं लिया। इतना ही नहीं संबोधन समाप्त करने के बाद धर्मवीर समेत सभी अधिकारी भोजल के चले तो तभी सुरेश राही ने प्रजापति से संबोधन के दौरान अपना नाम न लिए जाने पर आपत्ति जताई। जिसके बाद धर्मवीर माइक के पास गए और भोजन के लिए उठे अधिकारियों को रोकते हुए कहा कि अभी कार्यक्रम समाप्त नहीं हुआ है।
सुरेश राही ने प्रजापति पर मंच पर कसा तंज
प्रजापति कहते है कि संबोधन के दौरान कुछ भूल हो गई उसे सुधरना है। इतने में सुरेश राही उठे और माइक लेकर कहा कि अब सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने धर्मवीर प्रजापति की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये अधिकारियों को ये क्या शिक्षा देंगे, जो अपने सहयोगी मंत्री तक का सम्मान नहीं करते। हालांकि आपको बताते चले कि धर्मवीर ने बहुत सफाई देने की कोशिश की पर सुरेश की नाराजगी कम नहीं हुई। जिसके बाद धर्मवीर भी झल्ला गए और दोनों के बीच बहस होने लगी। तब एसजेटीआई के निदेशक संजीव त्रिपाठी ने सुरेश राही को समझाकर शांत कराया। कुछ देर रुकने के बाद सुरेश राही बिना भोजन किए ही चले गए।
दोनों मंत्रियों ने मंच पर हुई बात पर दी सफाई
कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने बताया कि मैं कार्यक्रम में बिल्कुल समय पर पहुंचा था। धर्मवीर प्रजापति से मेरी कोई बहस नहीं हुई है। कार्यक्रम भी बहुत अच्छे से निपट गया, कहीं कोई बात नहीं हुई। जो ऐसा कह रहे हैं, वह गलत है। वहीं कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्मवीर प्रजापति कहते है कि मैं पहले से कार्यक्रम में मौजूद लोगों के नाम ही थे। हालांकि उनके पहुंचने पर मैंने अपनी गलती सुधारते हुए उनका नाम लिया लेकिन वह नाराज हो गए। बाद में मेरे साथ ही रहे और साथ ही वहां से निकले। जो नाराजगी थी, उसे दूर कर दी थी।
मारपीट मामले में बीजेपी MLC समेत 9 के खिलाफ वारंट जारी, 4 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला