सार

24 साल पहले मौरावां थाना में पूर्व विधायक उदयराज, उनके पिता व अन्य लोगों पर दर्ज हुए बलवा, मारपीट व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मुकदमें में शुक्रवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। साक्ष्यों के अभाव में पूर्व विधायक सहित 19 लोगों को बरी कर दिया गया है। 

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के जिले उन्नाव में 24 साल पहले दर्ज हुए बलवे के मुकदमे का फैसला शुक्रवार को आ गया है। जिसमें मौरावां थाना में पुरवा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक उदयराज, उनके पिता व अन्य लोगों पर दर्ज हुए बलवा, मारपीट व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मुकदमें में शुक्रवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। साक्ष्यों के अभाव में पूर्व विधायक सहित 19 लोगों को बरी कर दिया गया है। साल 1998 में मौरावां थाने के दारोगा गुरुदीप ग्रेवाल ने पुरवा के पूर्व विधायक उदयराज सहित 49 लोगों पर थाने में बलवा, मारपीट, गालीगलौज व सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

1998 में दर्ज हुआ था मुकदमा
साल 1998 में दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर शुक्रवार को न्यायालय ने फैसला सुना दिया। इस मुकदमे में पूर्व विधायक, उनके पिता सहित 19 लोगों की एक फ़ाइल बनाकर मुकदमा एमपी एमएलए कोर्ट में  सुनवाई के लिए भेज दिया गया था। इस मुकदमें में सभी गवाहों के बयान पूरे होने के बाद शुक्रवार को निर्णय सुनाया गया। न्यायालय ने पूर्व विधायक उदयराज यादव, उनके पिता हरिशंकर व 17 अन्य आरोपियों को इस मुकदमे से दोष मुक्त कर दिया। जबकि अन्य आरोपियों का मुकदमा अभी विचाराधीन है।

जानिए क्या था पूरा मामला
दरअसल 17 फरवरी 1998 को मौरावां पुलिस ने रायबरेली कोर्ट द्वारा जारी किए एनबीडब्ल्यू पर अभियुक्त परशुराम को गिरफ्तार किया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष का आरोप था कि विधायक उदयराज यादव, उनके पिता हरिशंकर सहित 50 से अधिक संख्या में लोग थाना पहुंच गए थे। उन्होंने अभियुक्त परशुराम को थाने से छुड़ाने का प्रयास किया था। भीड़ ने थाना में जमकर उत्पात मचाया था। भीड़ को काबू करने के लिए कई थानों की फोर्स की मदद लेनी पड़ी थी। भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव भी किया था। जिसमे कई अधिकारी सहित जवान घायल हो गए थे। 

मामले में इतने लोग हुए बरी
इस मामले में पूर्व विधायक उदयराज यादव, हरिशंकर, वीरू, भोला,  रामचंद्र, रमेश, कल्लू, इमरान, शाहिद, पुत्तन, इकबाल, हरिराम, कंधई, नियामत, बहादुर, चंद्रकिशोर, जागेश्वर, गुरुप्रसाद और रामनिहोरे शामिल थे। पूरे 24 साल के बाद कोर्ट ने फैसाल सुनाते हुए इन सभी लोगों को बरी कर दिया है। इन सभी लोगों ने थाने में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया था। भीड़ को काबू करने के लिए कई थानों की फोर्स भी पहुंची थी। इसी पर गिरफ्तार हुए ये लोग शुक्रवार को बरी हो गए है।

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