सार
यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में कुछ ही महीने का समय बचा है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा (BJP) समेत विपक्षी दलों ने एक-दूसरे के किले को भेदने के लिए पसीना बहाना शुरू कर दिया है। बड़े नेता खुद रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए जनसभाएं और यात्राएं निकाल रहे हैं। आज यानी शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) आजमगढ़ (Azamgarh) में सभा करेंगे तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी गोरखपुर (Gorakhpur) में सेंधमारी करने की तैयारी में हैं।
लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में कुछ ही महीने का समय बचा है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा (BJP) समेत विपक्षी दलों ने एक-दूसरे के किले को भेदने के लिए पसीना बहाना शुरू कर दिया है। बड़े नेता खुद रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए जनसभाएं और यात्राएं निकाल रहे हैं। आज यानी शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पूर्वांचल के काशी (Varansi) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सांसदीय क्षेत्र आजमगढ़ (Azamgarh) में नई सियासी जमीन तैयार करेंगे तो सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश भी राजनीति में क्रॉस फायर के लिए सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर (Gorakhpur) में सेंधमारी करने की तैयारी में हैं।
शनिवार सुबह 10 बजे अखिलेश गोरखपुर एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे और करीब 11 बजे से विजय रथ यात्रा निकालेंगे। ये रथयात्रा दिनभर भ्रमण करेगी और कई जगह सभाएं होंगी। ये यात्रा विधानसभा हाटा से शुरू होगी और रामकोला के कप्तानगंज से खड्डा विधानसभा के पकड़ियार बाजार से होकर पडरौना में महाराणा प्रताप चोंक में समाप्त होगी, जिसके बाद अखिलेश कुशीनगर के लिए रवाना हो जाएंगे जहां अगले दिन उनकी रथ यात्रा होनी है। वहीं, आजमगढ़ में गृहमंत्री शाह और योगी राज्य यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान उनकी अकबेलपुर में जनसभा भी होगी। इसमें शाह और योगी पूरे पूर्वांचल को साधने की कोशिश करेंगे। आजमगढ़ से दोनों नेता अखिलेश को निशाने पर लेकर एक बार फिर पूर्वांचल में भाजपा की जीत का खांका भी खींचेगे।
अगले कुछ दिन दिलचस्प रहेगी सियासी लड़ाई...
यह सियासी किले भेदने की तैयारी अगले कुछ दिन इसी तरह देखने को मिल सकती है। आगामी दिनों में भी बीजेपी और सपा एक-दूसरे की घेराबंदी करते नजर आएंगे। दूसरे दिन यानि 14 नवंबर को अखिलेश की ये यात्रा कुशीनगर से शुरू होगी। जिले में भ्रमण के बाद कुशीनगर विधानसभा के कसया बाजार मालती पांडेय कॉलेज में खत्म होगी। यहीं पर विजय रथ यात्रा के तीसरे चरण का समापन होगा, जिसके बाद अखिलेश लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। 15 नवंबर को लखनऊ में रहेंगे। वहीं, 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल को एक्सप्रेसवे का तोहफा देने वाले हैं तो उसी दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गाजीपुर में विजय रथ के जरिए पूर्वांचल में पार्टी की रणनीति को मजबूत करने की कोशिश करेंगे। अखिलेश के गाजीपुर से विजय रथ यात्रा का समापन अगले दिन यानी 17 नवंबर को उन्हीं के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में होगा। मोदी 19 नवंबर को झांसी में रैली करेंगे। यहां रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के कार्यक्रम में शामिल होंगे।
जानिए आजमगढ़ क्यों सियासत का केंद्र...
बता दें कि आजमगढ़ सपा और बसपा का बड़ा किला माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजमगढ़ को खासा महत्व देते हैं। मोदी ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। मोदी पिछले चार महीने में तीन बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यहां हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात दी है। आजमगढ़ की भौगोलिक स्थिति देखें तो इस जिले की सीमाएं जौनपुर, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, गोरखपुर से घिरी हैं। यहां करीब 45 प्रतिशत यादव-मुस्लिम मतदाता हैं। अगड़ी जातियां करीब 24 प्रतिशत हैं। जबकि दलित करीब 30 प्रतिशत हैं।
2017 में पूर्वांचल को पसंद आई भाजपा
यूपी के पूर्वांचल में 28 जिलों की 164 विधानसभा सीटें हैं। साल 2017 से पहले तक पूर्वांचल सपा का गढ़ माना जाता था। साल 2017 में भाजपा ने पूर्वांचल में बड़ा सियासी उलटफेर किया। यहां भाजपा को 115 सीटें मिली थीं। अब भाजपा की कोशिश है कि इस रिकॉर्ड को बनाए रखा जा सके। इसी मंशा के लिए मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ में यूनिवर्सिटी बनाए जाने की योजना तैयार की। आनन-फानन में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए जमीन खोजी गई और योजना धरातल पर आ गई। बता दें कि आजमगढ़ में इस यूनिवर्सिटी की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी।
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