सार
यूपी में यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स को मिलीं ब्लैंक मार्कशीट का मामला गर्मा गया है। अंक पाने के लिए स्टूडेंट्स ने आंदोलन शुरू कर दिया है। स्टूडेंट्स द्वारा बोर्ड में मार्कशीट्स से गायब अंकों के लिए आरटीआई दायर की गई है।
लखनऊ : यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स को मिलीं ब्लैंक मार्कशीट का मामला गर्मा गया है। अंक पाने के लिए स्टूडेंट्स ने आंदोलन शुरू कर दिया है। स्टूडेंट्स द्वारा बोर्ड में मार्कशीट्स से गायब अंकों के लिए आरटीआई दायर की गई है। इस बाबत में छात्रों का कहना है कि अब वो प्रयागराज में यूपी बोर्ड कार्यालय पर धरना देंगे।
सत्र 2020-21 में बच्चों के प्राप्त हुई थी ब्लैंक मार्कशीट
कोरोना काल में सत्र 2020-21 के हाईस्कूल के दर्जनों बच्चों को ब्लैंक मार्कशीट प्राप्त हुईं। इस पर डीआईओएस कार्यालय पर छात्रों ने प्रदर्शन किया है। बोर्ड ने कहा है कि जिन स्कूलों से अंक प्राप्त हुए थे, मार्कशीट में उन्हें अंक दे दिए हैं। जिन स्कूलों ने अंक नहीं भेजे थे, उनको प्रमोट किया गया है। जबकि स्कूल संचालक कह रहे हैं, उन्होंने बोर्ड को अंक भेजे थे। स्कूल और बोर्ड के बीच अंक पाने के लिए बच्चे पिस रहे हैं।
बच्चों ने दाखिल की आरटीआई
स्टूडेंट्स द्वारा बोर्ड में मार्कशीट्स से गायब अंकों के लिए आरटीआई दायर की गई है। आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस इन छात्रों की मदद के लिए आगे आए हैं। उनकी सलाह पर 80 छात्र-छात्राओं ने यूपी बोर्ड में आरटीआई दायर कर चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत कर दी है। बच्चों का कहना है कि अगले राउंड में मुख्यमंत्री योगी के आवास पर प्रदर्शन करेंगे।
अंक पाने के लिए छात्रों ने आरटीआई में पूछे कई सवाल
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षाएं नहीं हुईं थीं। उस दौरान कई बच्चों को केवल प्रमोटेड लिखकर ब्लैंक मार्कशीट भेज दी गईं थी। बच्चों ने स्कूलों में इस बारे में पूछा तो बताया गया कि स्कूल से बोर्ड के लिए अंक भेजे थे। बोर्ड में पूछा तो बताया कि जिनके अंक स्कूलों ने नहीं भेजे हैं, उनको सिर्फ प्रमोट की मार्कशीट भेजी गई है। बच्चों ने बोर्ड से आरटीआई में कई सवाल पूछे हैं। ताकि उन्हें पता चल सके किआखिर उनके अंक कहां गए।
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