सार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रहे हैं। चुनाव में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है। पहले चरण के मतदान को लेकर नामांकन की प्रकिया भी हो चुकी है। वहीं योगी सरकार के 9 मंत्रियों की किस्मत का फैसला भी इस मतदान के दौरान ही होना है।
गौरव शुक्ला
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Chunav 2022) को लेकर 10 फरवरी को 11 जनपदों की 58 सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन भी हो चुका है। पहले चरण के मतदान में ही योगी सरकार के 9 मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है। यह उम्मीदवार अलग-अलग क्षेत्रों से चुनावी मैदान में हैं। इन मंत्रियों के कार्यों को जनता ने कितना पसंद किया इसका फैसला 10 मार्च को हो जाएगा।
अतुल गर्ग
गाजियाबाद सीट से योगी कैबिनेट में मंत्री अतुल गर्ग चुनावी मैदान में है। वह गाजियाबाद जिले के मुख्यालय की विधानसभा सीट से चुनाव में लड़ रहे हैं। यहां पहले चरण में ही मतदान होना है। बीते 2017 के चुनाव में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अतुल गर्ग ने बसपा के सुरेश बंसल को 70505 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। अतुल को 1 लाख 24 हजार 201 वोट मिले थे तो वहीं बसपा के सुरेश बंसल को 53696 वोट मिले थे।
सुरेश राणा
शामली जिले के थाना भवन सीट से सुरेश राणा यूपी सरकार में गन्ना मंत्री हैं। इस सीट पर वह 2012 में पहली बार चुनाव जीते थे। 2017 के चुनाव हुए तो सुरेश राणा को जनता का अपार समर्थन मिला। वह बसपा के अब्दुल वारिश को 16 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराने में सफल रहे। इसके बाद ही उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
श्रीकांत शर्मा
योगी सरकार में बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा मथुरा शहर सीट से विधायक हैं। 2017 के चुनाव में उन्होंने तीन बार से विधायक रहे प्रदीप माथुर को बड़े अंतर से हराया था। वह भाजपा से पहली बार चुनावी मैदान में थे। लेकिन श्रीकांत शर्मा ने 15 साल तक कांग्रेस के कब्जे में रही इस सीट को छीन लिया। श्रीकांत शर्मा को 1 लाख 43 हजार 361 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 42 हजार 200 वोट ही मिले।
संदीप सिंह
योगी सरकार में राज्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह ने अतरौली से नामांकन दाखिल किया है। अलीगढ़ जिले की अतरौली सीट पर उनके परिवार का दबदबा माना जाता है। 2017 के चुनाव में भी उन्होंने 50,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी।
अनिल शर्मा
वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा बुलंदशहर सीट की शिकारपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। शिकारपुर विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बीजेपी ने यहां से फिर इस बार अनिल शर्मा को ही टिकट दिया है। 2017 के चुनाव में अनिल शर्मा ने बसपा के मुकुल उपाध्याय को 50 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी।
कपिल देव अग्रवाल
योगी सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर सदर सीट से चुनावी मैदान में हैं। बीते 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कपिल देव अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के गौरव स्वरुप बंसल को 10704 वोटों के अंतर से हराया था। कपिलदेव अग्रवाल को 97.838 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के विधायक गौरव स्वरुप बंसल को 87.137 वोट मिले थे।
दिनेश खटीक
योगी कैबिनेट में बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक मेरठ की हस्तिनापुर सीट से चुनावी मैदान में हैं। विधायक दिनेश खटीक मवाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। उन्होंने सन 2017 में हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। उस दौरान उन्होंने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर विजय पताका फहराई थी।
डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश
योगी सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हैं। आगरा के छावनी सुरक्षित सीट से विधायक डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश को मंत्रीमंडल विस्तार में मंत्री बनाया गया। डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश ने 1994 में भाजपा की सदस्यता ली थी। इससे पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे। 2017 के विधानसभा चुनाव की बात हो तो डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश ने छावनी विधानसभा सीट से ही 45,000 वोटों से जीत दर्ज की थी।
चौधरी लक्ष्मी नारायण
योगी सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण मथुरा की छाता सीट से प्रत्याशी हैं। इस सीट से ही वह भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। चौधरी लक्ष्मी नारायण 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे। जबकि 2007 में वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बने। इसके बाद 2017 में चौधरी लक्ष्मी नारायण ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह विधायक चुने गए। चुनाव में उन्होंने पूर्व मंत्री ठाकुर तेजपाल के बेटे और निर्दलीय प्रत्याशी अतुल सिंह को मात दी।