सार
यूपी चुनाव से पहले आजमगढ़ में परिस्थितियां बदलती हुई दिख रही हैं। समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से प्रत्याशियों की घोषणा की और पार्टी के पुराने लोगों ने जिस तरह से बगावत शुरू कि उसे देख कर ऐसा लग रहा है कि पार्टी के यह बगावती लोग समाजवादी पार्टी को भारी झटका दिलवा सकते हैं।
रवि प्रकाश सिंह
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले को समाजवादी पार्टी का घर कहा जाता है या यूं कहें कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का एक ऐसा किला है, जो हर बार के चुनाव में उसे मजबूती देता है। लेकिन वर्तमान समय में परिस्थितियां बदलती हुई दिख रही हैं। समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से प्रत्याशियों की घोषणा की और पार्टी के पुराने लोगों ने जिस तरह से बगावत शुरू कि उसे देख कर ऐसा लग रहा है कि पार्टी के यह बगावती लोग समाजवादी पार्टी को भारी झटका दिलवा सकते हैं।
गोपालपुर और निजामाबाद विधानसभा सीट
आजमगढ़ की गोपालपुर विधानसभा सीट से जहां समाजवादी पार्टी ने मौजूदा विधायक नफीस अहमद को अपना प्रत्याशी घोषित किया। जबकि समाजवादी पार्टी की सरकार में ही मंत्री रहे वसीम अहमद की मौत के बाद उनकी पत्नी शमा को अखिलेश यादव ने टिकट देने का आश्वासन दिया था। इसके बाद से जैसे ही टिकट की घोषणा हुई गोपालपुर विधानसभा में समा ने अपने पुराने समर्थकों के साथ बगावत पर उतर आई और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। वहीं दूसरी तरफ निजामाबाद विधानसभा से चुनाव की तैयारी में लगे इसरार अहमद समाजवादी पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने के साथ-साथ क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। समाजवादी पार्टी ने जब आलम बदी को अपना प्रत्याशी बनाया तो इसरार अहमद अपने समर्थकों के साथ बगावत पर उतर आए अब इसरार अहमद ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, जो निजामाबाद में भी समाजवादी पार्टी घातक साबित हो सकता है।
दीदारगंज और मुबारकपुर विधानसभा सीट
मुबारकपुर विधानसभा की बहुजन समाज पार्टी छोड़ समाजवादी पार्टी में टिकट की आस लेकर आए शाह आलम गुड्डू को भी समाजवादी पार्टी ने झटका दे दिया। समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव को यहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं शिवपाल यादव के काफी करीबी राम दर्शन यादव भी समाजवादी पार्टी से टिकट की उम्मीद में लगे हुए थे। लेकिन अब उन्होंने भी प्रत्याशी की घोषणा के बाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। आजमगढ़ की फूलपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी से सांसद रहे रमाकांत यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जिसके बाद क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंचकर प्रत्याशी बदलने की मांग करते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया। आजमगढ़ के दीदारगंज विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने आदिल शेख का टिकट काटकर कमलाकांत राजभर को अपना प्रत्याशी बनाया है। जिसके कारण समाजवादी पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
उसकी वजह यह है कि कमलाकांत राजभर के पिता सुखदेव राजभर जीवन भर बहुजन समाज पार्टी की सीट पर चुनाव लड़ते रहे। उनके मृत्यु के बाद अखिलेश यादव ने आदिल शेख का टिकट काटकर कमलाकांत को प्रत्याशी घोषित कर दिया। कुल मिलाकर के टिकट के बंटवारे के बाद जितने भी बगावत करने वाले प्रत्याशी हैं वह चुनाव लड़ रहे हैं। इससे जाहिर है जो वोट समाजवादी पार्टी को जिस-जिस विधानसभा में मिलते थे, उन्हीं वोट में से कम होंगे। ऐसे में उसका लाभ दूसरे लोगों को मिल सकता है। जो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाएगी।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।