सार

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (ajay kumar lallu) ने सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग की है। 

लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur case) में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार को एसआईटी (SIT) द्वारा सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। एसआईटी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, वह पांच हजार पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आशीष मिश्रा मोनू (Ashish mishra monu) घटनास्थल पर मौजूद था। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी का पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू घटना का मुख्य आरोपी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (ajay kumar lallu) ने सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग की है। 

टेनी के खिलाफ और कितने साक्ष्य चाहिए: अजय कुमार लल्लू
आपको बताते चलें कि कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में अजय मिश्र टेनी के रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने साक्ष्य मिटाने के अपराध का दोषी माना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के लिए मोदी सरकार को अभी और कितने और साक्ष्य चाहिए? अजय मिश्र टेनी 120 बी के आरोपी हैं। एफआईआर में उनका नाम था एसआईटी यह बताएं कि कितनी बार उन्हें जांच के लिए बुलाया गया। एफआईआर में नाम होने के बावजूद चार्जशीट से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम क्यों हटाया गया। इससे पद पर रहते हुए जांच भटकाने का भी संन्देह पैदा होता है। प्रदेश एवं देश की पूरी  भाजपा सरकार रक्षक के पद रहते हुए भी भक्षक के साथ खड़ी नजर आ रही है।

राहुल और प्रियंका के आगे झुकी योगी सरकार: प्रदेश अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि घटना के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थीं, जिन्हें रोका गया और सीतापुर स्थित अस्थायी जेल में चार दिन तक रखा गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पंजाब के नेताओं को भी वहां जाने से रोका गया। राहुल गांधी को भी लखनऊ हवाई अड्डे पर काफी समय तक रोका गया। बाद में राहुल गांधी के संघर्ष के आगे योगी सरकार को झुकना पड़ा और छत्तीसगढ़ एवं पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ जाने दिया गया। सीतापुर में प्रियंका गांधी के सामने योगी सरकार झुकी और उन्हें छोंड़ा गया। 

'अमित शाह को दूरबीन से भी नहीं दिख रहे आरोपी'
 लल्लू ने कहा कि इतनी बड़ी घटना बिना गृह राज्यमंत्री के इशारे के संभव ही नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह को उत्तर प्रदेश में दूरबीन से अपराधी और अपराध नहीं दिख रहे थे। उनसे सवाल है कि एसआईटी द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद अपराध और अपराधी दिखाई दिया कि नहीं। यदि दूरबीन काम न कर पा रही हो तो कांग्रेस पार्टी दूरबीन मुहैया कराये।