सार
आपको बता दें कि कुंवर आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं। शाहजहांपुर के जितिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। उनके बाद अब बरेली के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने भी अपनी पूर्व मेयर पत्नी सुप्रिया ऐरन के साथ कांग्रेस को अलविदा बोल दिया। ऐरन दंपति के जाने से बरेली मंडल में कांग्रेस का एक मात्र बचा मजबूत किला भी ढह गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कहा जा रहा है कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में एक और बड़ा झटका लग सकता है, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अभिनेता राज बब्बर के एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें हैं, मीडिया सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही वह सपा में घर वापसी करेंगे। सपा के प्रवक्ता का ट्वीट भी ऐस अहि कुछ इशारा करता दिख रहा है।
क्या है ट्वीट
सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कू पर इशारा करते हुए लिखा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष , पूर्व समाजवादी नेता, अभिनेता जल्दी ही समाजवादी होंगे।'' कांग्रेस प्रवक्ता ने जो तीन इशारे किए हैं वे सभी राज बब्बर की ओर संकेत कर रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अभिनेता राज बब्बर ने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल से की थी। फिर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। 1994 में सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा गया। 2004 में सपा के टिकट पर ही जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। 2006 में उन्होंने सपा से नाता तोड़ लिया और करीब दो साल बाद 2008 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर फिरोजबाद सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। 2014 में कांग्रेस ने उन्हें गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह के खिलाफ उतारा, लेकिन राज बब्बर को हार का सामना करना पड़ा। 2016 में उन्हें यूपी कांग्रेस की कमान दी गई थी। राज बब्बर यूपी के टुंडला के रहने वाले हैं। उन्होंने 250 से अधिक हिंदी फिल्मों में काम किया, जिनमें कई सुपरहिट भी हुईं।
आपको बता दें कि कुंवर आरपीएन सिंह से पहले जितिन प्रसाद भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं। शाहजहांपुर के जितिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। उनके बाद अब बरेली के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने भी अपनी पूर्व मेयर पत्नी सुप्रिया ऐरन के साथ कांग्रेस को अलविदा बोल दिया। ऐरन दंपति के जाने से बरेली मंडल में कांग्रेस का एक मात्र बचा मजबूत किला भी ढह गया है।