सार

भारतीय जनता पार्टी ने करहल विधानसभा से अखिलेश यादव के खिलाफ केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया है।ऐसे में कहा जा रहा है कि इस सीट पर कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। वहीं अपर्णा यादव से जब सवाल किया गया कि क्या वो करहल सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बघेल का प्रचार करने जाएंगी?इस पर अपर्णा ने जवाब  में कहा-" मैं पार्टी के साथ पूरी निष्ठा के साथ लगी हूं। जो मुझे आदेश मिलेगा वहां प्रचार करने जाऊंगी।अभी मेरे लिए लखनऊ कैंट बेहद जरूरी है।''

लखनऊ: अपर्णा यादव करहल विधानसभा सीट के प्रत्याशी अखिलेश यादव के खिलाफ प्रचार के लिए तैयार हैं।आपको बता दें अपर्णा यादव मुलायाम सिंह की छोटी बहू हैं और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके जेठ हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है।बीजेपी के लिए अब तक अपर्णा रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी, बहराइच, और कानपुर देहात में प्रचार कर चुकी हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने करहल विधानसभा से अखिलेश यादव के खिलाफ केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया है।ऐसे में कहा जा रहा है कि इस सीट पर कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। वहीं अपर्णा यादव से जब सवाल किया गया कि क्या वो करहल सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बघेल का प्रचार करने जाएंगी?इस पर अपर्णा ने जवाब  में कहा-"मैं पार्टी के साथ पूरी निष्ठा के साथ लगी हूं।जो मुझे आदेश मिलेगा वहां प्रचार करने जाऊंगी।अभी मेरे लिए लखनऊ कैंट बेहद जरूरी है।''

परिजनों के खिलाफ प्रचार करने पर बोली अपर्णा

उन्होंने ये भी कहा कि 'किसी महिला के लिए बार-बार परिवार-परिवार की बात क्यों पूछी जाती है। हम सब महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं तो महिला जब अपने फैसले लेती है तो उस पर इतने सवाल क्यों? ऐसे कितने लोग हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी खुद बना ली, उन पर कोई सवाल नहीं उठा। क्या उन्होंने परिवार तोड़ने का काम नहीं किया? जो लोग अपने दलों को छोड़कर जातिगत राजनीति करने के लिए दूसरी पार्टियों में जाते हैं क्या उस तरह से औरों के अधिकारों का हनन नहीं होता है। ' अपर्णा यादव ने कहा, 'मैं शायद महिला हूं इसलिए लोग सॉफ्ट टारगेट करते हैं।मैं राष्ट्रवाद की राजनीति आज भी कर रही हूं, आगे भी करूंगी.अपर्णा यादव बोली कि 'अब मैं बीजेपी में हूं. परिवार अलग है. परिवार और पार्टी को एक साथ नहीं मिलाना ठीक होगा। मेरे लिए जो शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, मैं वो करूंगी।'

राष्ट्रवाद के लिए हुई बीजेपी में शामिल
बता दें कि अपर्णा यादव ने पिछले महीने कहा था कि वो भाजपा में टिकट के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रवाद के लिए आई हैं। उन्होंने कहा था कि सपा में मेरा टिकट नहीं कट रही थी। मैं पीएम मोदी और सीएम योगी की कार्यशैली से प्रभावित हूं और बीजेपी में राष्ट्रवाद के लिए आई हूं। अपर्णा ने कहा था कि मैं पूरे चुनाव में बीजेपी का प्रचार करूंगी।

मुलायम के करीबी थे एसपी बघेल
बता दें कि अखिलेश यादव के खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल कभी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी हुआ करते थे। बघेल 1998 में पहली बार विधायक बने और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन 2004 में सांसद रहने के दौरान वो सपा से दूर हो गए। और फिर 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा।

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