सार
यूपी चुनाव संपन्न होने के बाद एग्जिट पोल सभी के सामने है। हालांकि सवाल यह खड़ा होता है कि एग्जिट पोल कितना भरोसेमंद हैं। बीते चुनावों पर गोर किया जाए तो एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हुए हैं।
गौरव शुक्ला
लखनऊ: यूपी चुनाव के एग्जिट पोल (UP Exit Poll 2022) सामने आने के बाद लोगों में 10 मार्च का इंतजार और भी बढ़ गया है। एग्जिट पोल में जिस तरह के रुझान दिखाए गए हैं उसके बाद सभी विपक्षी दल इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं इस बीच विपक्ष के नेता ईवीएम की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद रहने को कहते नजर आ रहे हैं। हालांकि पोल सामने आने के बाद भाजपा नेताओं में कहीं न कहीं राहत है। भले ही जो दावें किए जा रहे थे उतनी सीटें एग्जिट पोल में मिलती नहीं दिख रहीं लेकिन फिर भी बीजेपी की बढ़त बरकरार है। एग्जिट पोल सामने आने के बाद एक बड़ा सवाल जनता के मन में यह भी खड़ा हो रहा है कि यह कितने भरोसेमंद होते हैं।
आपको बता दें कि एग्जिट पोल के जरिए अनुमान लगाया जाता है। कई बार यह परिणाम के आस-पास तो कई बार उससे बिल्कुल उलट हो जाता है। पूर्व के चुनावों में भी कई बार ऐसा देखने को मिला है जब परिणाम एग्जिट पोल के विपरीत आए हैं। जानकार भी मानते हैं कि इन पोल पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है।
क्या था 2017 का एग्जिट पोल
2017 के चुनाव के बाद इंडिया टुडे-एक्सिस के सर्वे में बीजेपी को 251 से 279, सपा-कांग्रेस गठबंधन के खाते में 88 से 112 सीटें और बीएसपी को 28 से 42 सीटें जाने का अनुमान जताया था। वहीं एबीपी-सीएसडीएस के एग्जिट पोल में बीजेपी को 156 से 169, सपा-कांग्रेस गठबंधन को 156 से 169 और बीएसपी के खाते में 60-71 सीटों की संभावना जताई गई थी। जबकि टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में बीजेपी को 285 सीटें, सपा-कांग्रेस को 88 सीटें और बीएसपी को 27 सीटों का अनुमान जताया था। वहीं इंडिया टीवी-सी वोटर के एग्जिट पोल में बीजेपी ने 155-167, सपा-कांग्रेस 135 से 147 और बीएसपी को 81 से 93 सीटें की संभावना जताई थी। हालांकि चुनाव परिणाम इससे अलग था।
2017 का चुनाव परिणाम
2017 के चुनाव में जब असल परिणाम सामने आया तो तस्वीरें चौंकाने वाली थीं। किसी भी एग्जिट पोल में यह अनुमान नहीं लगाया गया था कि बीजेपी को 300 से अधिक सीटें मिलेगी। हालांकि मतगणना के बाद सामने आया कि बीजेपी ने 325, बीएसपी ने 19, सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की। एग्जिट पोल में सपा और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर जो भी दावा किया गया था वह बिल्कुल भी सत्य साबित नहीं हुआ। वहीं बीएसपी को लेकर भी किसी ने कल्पना नहीं की थी वह इकाई पर ही सिमट जाएगी।
कई बार गलत साबित हुई भविष्यवाणी
फिलहाल बीते चुनावों के परिणाम पर गौर किया जाए तो यह सामने आता है कि ज्यादातर एग्जिट पोल पूरी तरह से सत्य साबित नहीं हुए हैं। ऐसा कई बार के चुनावों में देखने को मिला है कि चुनाव परिणामों को लेकर की गई भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। यूपी चुनाव 2022 को लेकर भी जो एग्जिट पोल सामने आए हैं उसके बाद यह कितने सत्य साबित होते हैं वह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा।
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