सार

यूपी के कई क्षेत्रों में डेंगू का अधिक प्रकोप है। डेंगू फैलने की वजह से प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ गई है। इसी का फायदा उठाकर रैकेट के सदस्य सक्रिय थे। ये लोग ब्लड प्लाज्मा को रिपैक कर उसे प्लेटलेट्स के नाम पर बेचते थे।

Fake platelets sellers racket busted in UP: यूपी के एक अस्पताल में डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स के नाम पर मौसम्बी का जूस चढ़ाने के बाद अब ब्लड प्लॉज्मा को प्लेटलेट्स कहकर बेचने वाले रैकेट का भंड़ाफोड़ हुआ है। यूपी पुलिस ने प्रयागराज से दस आरोपियों को अरेस्ट किया है। इन लोगों पर आरोप है कि डेंगू रोगियों के परिजन केा प्लेटलेट्स के नाम पर ब्लड प्लॉज्मा बेच दे रहे थे। पुलिस के मुताबिक ये लोग ब्लड बैंकों से प्लाज्मा लेकर उसे प्लेटलेट्स के नाम पर दुबारा पैक कर ऊंचे दामों में बेच दे रहे थे। परेशान मरीज फर्जी प्लेटलेट्स खरीदने को मजबूर हो रहा था। 

गरीबों की जान से कर रहे रैकेट के लोग खिलवाड़

दरअसल, यूपी के कई क्षेत्रों में डेंगू का अधिक प्रकोप है। डेंगू फैलने की वजह से प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ गई है। इसी का फायदा उठाकर रैकेट के सदस्य सक्रिय थे। ये लोग ब्लड प्लाज्मा को रिपैक कर उसे प्लेटलेट्स के नाम पर बेचते थे। प्रयागराज के एसपी शैलेष पांडेय ने बताया कि पकड़े गए दस लोगों ने स्वीकार किया है कि वह लोग प्लाज्मा को प्लेटलेट्स बताकर बेचा करते हैं। पांडेय ने बताया कि हाल के दिनों में डेंगू बहुत फैल गया है। प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है। इसका फायदा ये लोग उठा रहे थे और ज्यादातर गरीब लोगों को ठग रहे थे। उन्होंने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर रेड कर इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से नकदी, मोबाइल व वाहनों के अलावा प्लाज्मा के पाउच मिले हैं। 

मौसम्बी का जूस प्लेटलेट्स के नाम पर चढ़ाने वाला अस्पताल सीज

दरअसल, डेंगू के एक मरीज को प्रयागराज के ही एक अस्पताल में प्लेटलेट्स के नाम पर मौसम्बी का जूस चढ़ा दिया गया। इससे मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही का वीडियो वायरल होने के बाद उसे सील कर दिया गया। पुलिस ने सैंपल को लैब टेस्ट के लिए भेज दिया है। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में बताया कि मरीज प्रदीप पांडे को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया जहां उसकी हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। हालांकि, इस मामले में स्थानीय थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। उधर, अस्पताल प्रशासन का दावा है कि प्लेटलेट्स को किसी निजी सेंटर से लाया गया था। मरीज को तीन यूनिट ट्रांसफ्यूज करने के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी।

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