सार
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अजय टंडन काकादेव में रहते हैं और ईमानदार भारतीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक निवेश, हाउसिंग आदि के नाम पर आरोपितों की कंपनियों के जरिये रकम जमा कराई गई। अजय का दावा है कि उनके पास 25 लाख करोड़ रुपये के फ्रॉड का एक-एक साक्ष्य मौजूद है, जो उन्होंने पुलिस को दिया है।
कानपुर: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एडवोकेट अजय टंडन ने सहारा (Sahara chief Subrata Roy) प्रमुख समेत 18 लोगों के खिलाफ काकादेव थाने में हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी समेत अन्य गम्भीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। एडवोकेट की तहरीर पर पुलिस कमिश्नर ने जांच भी कराई। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गई। एडवोकेट ने आरोप लगाया है कि आरोपितों ने कई कम्पनियां और सोसाइटी बनाकर देश भर में 25 लाख लोगों से 25 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
25 लाख करोड़ रुपये के फ्रॉड का लगा आरोप
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अजय टंडन काकादेव में रहते हैं और ईमानदार भारतीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक निवेश, हाउसिंग आदि के नाम पर आरोपितों की कंपनियों के जरिये रकम जमा कराई गई। अजय का दावा है कि उनके पास 25 लाख करोड़ रुपये के फ्रॉड का एक-एक साक्ष्य मौजूद है, जो उन्होंने पुलिस को दिया है। अजय ने पुलिस को यह जानकारी भी दी है कि किस सोसाइटी ने कितने हजार व लाख करोड़ का फ्रॉड किया गया है। अजय ने बताया कि बोगस कंपनियां बनाकर आरोपितों ने काले धन को सफेद किया है। पूरे देश में हुई इस ठगी के गरीब व मजदूर भी शिकार हुए हैं। वे हर दिन सौ-पचास रुपये इनकी कंपनियों में निवेश कर रहे थे। अजय का कहना है कि इसमें कई बड़े नेता और अन्य नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं।
सुब्रत राय समेत परिवार के खिलाफ FIR दर्ज
सहारा प्रमुख सुब्रत राय, उनकी पत्नी स्वप्ना राय, बेटे सुशांतु राय व सीमांतो राय, बहू चांदनी राय, रिचा, भाई जेबी राय, निदेशक जीतेंद्र कुमार वार्ष्णेय, ऑडिटर पवन कपूर, निदेशक करुणेश अवस्थी, अनिल कुमार पांडेय, रणा जिया, डीके श्रीवास्तव, रोमी दत्ता, प्रदीप श्रीवास्तव, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, अब्दुल दबीर व ऑडिटर आरएन खन्ना को आरोपित बनाया गया है। इनके खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 467,468,471(फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करना), 120 बी(षड्यंत्र रचना) और 34(सामान्य इरादे से किया गया आपराधिक कृत्य) के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।