सार
कानपुर नगर निगम में सामने आई है, यहां पर नगर आयुक्त की फोटो लगाकर नगर निगम के आधिकारिक ग्रुप में रुपयों की डिमांड की गई। साइबर ठग के इस जाल में जोनल अधिकारी फंस गए और रकम ट्रांसफर भी कर दी।
कानपुर: यूपी में सइबर ठगों का गैंग दिन पर दिन सक्रिय होता जा रहा है। साइबर ठगों ने अब ठगी करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ई-मेल और फोन कॉल के बाद अब वाट्सग्रुप पर शिकार फंसाने शुरू कर दिया गया है। घटना कानपुर नगर निगम में सामने आई है, यहां पर नगर आयुक्त की फोटो लगाकर नगर निगम के आधिकारिक ग्रुप में रुपयों की डिमांड की गई। साइबर ठग के इस जाल में जोनल अधिकारी फंस गए और रकम ट्रांसफर भी कर दी।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
नगर आयुक्त की ओर से रुपये की मांग समझकर उन्होंने रुपये भेज दिए। नगर आयुक्त ने बातचीत के बाद धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। अब पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू कराई है। शुक्रवार को नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन लखनऊ में एक बैठक के लिए गए थे। इस दौरान साइबर ठग ने उनकी फोटो लगाकर लोगों से रुपये मांगने का एक मैसेज नगर निगम के ग्रुप में डाल दिया। नगर आयुक्त की फोटो देखकर मैसेज को इमरजेंसी समझकर नगर निगम जोनल एक के प्रभारी राकेश गुप्ता ने दिए गए नंबर पर दस हजार रुपये भेज दिए। शनिवार को जब राकेश गुप्ता ने नगर आयुक्त को इसके बारे में बताया तो वह दंग रह गए और धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। मामले को लेकर नगर आयुक्त ने डीसीपी पश्चिम विजय ढुल से शिकायत की है।
साइबर ठगों ने बदला अपना पैतरा
बीते साल साइबर ठग से कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहा अधिकारियों के नाम फेसबुक और ई-मेल पर पैसे मांगे गए हैं। एक मामले में ई-मेल हैक करके रुपये की डिमांड करते हुए परिचितों और रिश्तेदारों को मेल की थी। इसमें कई प्रतिष्ठित संस्थान के निदेशक समेत कई लोगों के ई-मेल हैक हुए थे और कुछ मामलों में लोग ठगी का शिकार भी हुए थे। इसमें साइबर ठग जिसका ई-मेल हैक करते थे, उसकी ओर से मुसीबत में होने की बात कहते हुए रुपये की मदद के लिए परिचित या रिश्तेदार को अकाउंट नंबर देते हुए मेल करते थे। अब साइबर ठगों ने पैतरा बदलते हुए वाट्सग्रुप को निशाना बनाना शुरू किया है।
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