सार
नीरू ने आरोप लगाया कि सास, ननद और देवर उससे मारपीट करते थे। देवर उस पर बुरी नीयत रखता था। पति ने विरोध किया था। इस पर ससुराल वालों ने उसे पीटा था। इस वजह से वह मायके चली गई थी।
कानपुर: हनुमंत विहार थाना इलाके के अर्रा गांव में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पिता ने पहले अपने बेटे को मौत के घाट उतार दिया औऱ इसके बाद फिर खुद भी फंदे से लटककर अपनी जान दे दी। पत्नी आठ महीने से मायके में रह रही थी। घटना के बाद घरवालों ने पुलिस को सूचना दिए बिना बच्चे के शव को दफन कर दिया और पिता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में पड़ोसियों से जानकारी होने के बाद पत्नी ने पुलिस से इसकी शिकायत की। जिसके बाद शनिवार को पुलिस ने बच्चे के शव को कब्र में से बाहर निकालवाया।
पड़ोसियों की सूचना पर पत्नी पहुंची मायके
जानकारी के मुताबिक अर्रा गांव का रहने वाले आशीष सिंह के परिवार में पत्नी नीरू दो बेटियां खुशी (08), दिव्या (04) व इकलौता बेटा कृष्णा (07) था। आशीष पान मसाले की दुकान चलाता था। आशीष के पिता राम कुमार ने बताया कि बेटा नशे का लती था। इस कारण बहू अपनी बेड़ी बेटी को लेकर आठ माह पहले पुखरायां स्थित मायके चली गई थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को जब आशीष कहीं नजर नहीं आया तो कमरे में जाकर देखा। दोनों के शव फंदे से लटक रहे थे। इसके बाद दोनों शवों का महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इधर, पड़ोसियों की सूचना पर शुक्रवार को आशीष की पत्नी नीरू अपने पिता लाखन के साथ ससुराल पहुंची। उसने आरोप लगाया कि जब ससुराल वालों से घटना के बारे में पूछा तो वे लोग आनाकानी करने लगे।
पति नशेबाज था इसलिए पत्नी चाहती थी बंटवारा
नीरू ने बताया कि पति नशेबाज था इसलिए वह मकान में बंटवारा चाहती थी। पति आशीष ने भी बंटवारे की मांग की थी। इसी को लेकर ससुराल वालों से अक्सर विवाद होता था। ससुराल वालों ने ही पति और बेटे की हत्या करने के बाद बिना सूचना दिए दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। आरोप है कि घटना में सास, ससुर, दोनों ननद, दोनों देवर व ननदोई शामिल हैं। एसीपी विकास कुमार पांडेय ने बताया कि मृतक के पिता, भाइयों, ननद, समेत अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
देवर उसपर रखता था बुरी नजर
नीरू ने आरोप लगाया कि सास, ननद और देवर उससे मारपीट करते थे। देवर उस पर बुरी नीयत रखता था। पति ने विरोध किया था। इस पर ससुराल वालों ने उसे पीटा था। इस वजह से वह मायके चली गई थी। पति और बेटे की मौत के बाद भाई रंजीत के साथ ससुराल आई तो सास और ननद ने घर में नहीं घुसने दिया था। इसके बाद वह थाने पहुंची थी।
मृतक अपने बेटे से करता था बहुत प्यार
नीरू ने बताया कि दो साल पहले ससुर ने हाईवे किनारे स्थित पान की दुकान उसके पति को दी थी। इसके बाद उन्होंने परचून की दुकान खोल ली थी। ससुरालीजन पति को संपत्ति से भी बेदखल करना चाहते थे। 19 जुलाई को पति ने कॉल कर बताया कि वह 26 जुलाई से रनियां स्थित एक फैक्टरी में काम करने जा रहा है। आशीष बच्चों से बहुत प्यार करता था, ऐसे में वह इकलौते बेटे की हत्या कैसे कर सकता है।