सार

नौबस्ता, खाड़ेपुर निवासी संजय की पांच बेटियों में तीन की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी किरन है। बेटे नही हैं। किरन की मां रूमा ने कहा- कोरोना के दौरान घर के हालात बिगड़ गए बेटी की फीस भी जमा नही कर पाते थे। उस वक्त स्कूल छुड़वाने का विचार आया। लेकिन तब बेटी ने कहा, माँ मुझे पढ़ने दो।

कानपुर: यूपी बोर्ड में हाईस्कूल का परिणाम आ गया है। किरन प्रदेश की टापर लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। किरन ने कहा कि यह सफलता परिवार, गुरुजनों और ईश्वर की कृपा से मिली है। उनकी मां रूमा देवी ने कहा कि वह बेटी को खूब पढ़ाना चाहती हैं लेकिन आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं।

शिवाजी इंटर कालेज अर्रा, कानपुर की छात्रा किरन के पिता संजय कुमार पिकअप चलाते हैं। संजय की पांच बेटियां हैं, जिनमें किरन सबसे छोटी है। मां रूमा देवी हाउस वाइफ हैं। 

बेटी ने कहा- मां मुझे पढ़ना है
नौबस्ता, खाड़ेपुर निवासी संजय की पांच बेटियों में तीन की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी किरन है। बेटे नही हैं। किरन की मां रूमा ने कहा- कोरोना के दौरान घर के हालात बिगड़ गए बेटी की फीस भी जमा नही कर पाते थे। उस वक्त स्कूल छुड़वाने का विचार आया। लेकिन तब बेटी ने कहा, माँ मुझे पढ़ने दो। मैं हालात बदल दूंगी। किरन ने कहा कि मैंने गरीबी देखी है। मुझे आगे पढ़ाई करके देश की गरीबों की सेवा करनी है। उनका जीवन बेहतर हो यह काम करना है। उसने बताया कि कोरोना काल में जब लाकडाउन लगा, परिवार को खाने के लिए भी जूझना पड़ा। 

पढ़ने के लिए मेरे पास नहीं मोबाइल और लैपटॉप
प्रिंसिपल दिनेश अवस्थी ने कहा कि किरन पर उन्हें और उनके स्कूल को गर्व है। वह बहुत मेधावी है। उन्हें विश्वास है कि किरन आगे चलकर बड़ा मुकाम हासिल करेगी। किरन ने कहा कि कोरोना काल हमारे परिवार के लिए बहुत कठिन था। पापा के पास काम नहीं था। स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे थे। मेरे पास मोबाइल या लैपटॉप नहीं था। बड़ी बहन पूजा ने मेरी पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदकर दिया। उससे पढ़ाई की। संजय की तीन बेटियों की शादी हो चुकी है।

पिता ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया
शिवा जी इंटर कॉलेज अर्रा की छात्रा पलक की माता पिंकी अवस्थी का कहना है कि उनके पति ने मजदूरी कर अपना पेट काटा लेकिन बेटियों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बड़ी बहन दिशा अवस्थी भी इसी विद्यालय में कक्षा 11 की छात्रा है। पलक का कहना है कि अगर आप अपनी पढ़ाई के लिए समय देते हैं और रिवीजन करते रहते हैं तो इससे अच्छे अंक लाने में मदद मिलती है। स्कूल में भी अच्छी पढ़ाई होती है। इसके बाद अगर घर पर चार घंटे ध्यान केंद्रित कर रेगुलर पढ़ाई की।

टॉपर नैंसी के पिता ऑटो चालक
यूपी बोर्ड हाईस्कूल की मेरिट में पांचवा स्थान प्राप्त करने वाली कानपुर की नैंसी वर्मा के पिता सुनील वर्मा ऑटो चालक हैं। नैंसी विज्ञान वर्ग से आगे की पढ़ाई करने के बाद सिविल सर्विसेज में जाना चाहती है। उसका सपना डीएम बनने का है। 

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