सार

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगामी 13 दिसम्बर को वाराणसी(Varanasi)  दौरा प्रस्तावित है। उनके आगमन से पहले मंदिर प्रशासन ने 29 नवम्बर से एक दिसम्बर के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर में आम लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। आगामी दो दिसम्बर से पुनः आम लोगों के लिए पूजा अर्चना प्रारम्भ कर दी जाएगी। 

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर बीते सोमवार से आगामी 1 दिसम्बर तकआम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। इसके बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर दो दिसंबर को सुबह खुल जाएगा। दो दिसम्बर से भक्त पहले की तरह दर्शन-पूजन कर सकेंगे।  आपको बताते चलें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) का 13 दिसंबर को वाराणसी(Varanasi) दौरा प्रस्तावित है। इससे पहले तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर(Kashi Vishvanath Mandir) को तीन दिनों तक आम लोगों के लिए बंद किया गया है। 


1 दिसम्बर को पूर्ण रूप से बंद रहेगा काशी विश्वनाथ
मंदिर के सीईओ डॉ. सुनील वर्मा ने कहा है कि 29 एवं 30 नवंबर को सुबह छह से शाम छह बजे तक मंदिर आंशिक रूप से बंद रखा जाएगा। वहीं एक दिसंबर को मंदिर पूर्ण रूप से बंद रहेगा। दो दिसंबर से प्रात: छह बजे से मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इन तीन दिनों में मंदिर के गर्भगृह में मकराना के संगमरमर लगाने, शिखर की भीतरी दीवारों की सफाई तथा गर्भगृह के अंदर लाइटिंग का काम पूरा किया जाएगा।

शासन के निर्णय के बाद लिया गया फैसला
विश्वनाथ मंदिर न्यास इसकी तैयारी कर रहा है। मंदिर के शिखर की सफाई व गर्भगृह के आसपास मरम्मत व निर्माण कार्य (repair and construction work) के चलते मंदिर को तीन दिनों तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। 29 नवम्बर से एक दिसम्बर के बीच आम लोगों का प्रवेश बंद रखने के लिए शासन से अनुमति मांगने का प्रस्ताव तैयार हुआ, जिसके बाद शासन के निर्णय के बाद मंदिर प्रशासन ने आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी की घोषणा कर दी।

नवम्बर तक सभी कार्यों को पूरा करने की थी योजना
गंगा किनारे मणिकर्णिका व लालिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक करीब 54 हजार वर्ग मीटर में निर्माणाधीन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का कार्य अब अंतिम चरण में है। लोकार्पण की संभावित तिथि 13 दिसम्बर बताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करने के लिए पहुंचेंगे। पूजन मंदिर परिसर में ही कराया जाएगा। इसको देखते हुए गर्भगृह वाले मंदिर परिसर के कार्यों को प्राथमिकता पर कराया जा रहा है। फर्श पर काम कराने के साथ ही शिखर की सफाई व गर्भगृह के आसपास के मरम्मत कार्य भी कराया जाना है। नवम्बर के अंतिम हफ्ते तक इन सभी कार्यों को पूरा करने की कार्ययोजना बनाई गई थी।