सार
चित्रकूट में 29 से 31 जुलाई तक बीजेपी प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस बीच नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। चित्रकूट में तीन तक चलते वाले प्रशिक्षण वर्ग शिविर में पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ ही मंत्रियों को भी बुलाया गया है।
लखनऊ: यूपी में राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। लगातार दोबार यूपी की सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम दिनों से चर्चा चल रही थी। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कार्यकाल पूरा होने के बाद कई दिनों से मुद्दा बना हुआ था कि अब इस कुर्सी की जिम्मेदारी किसको मिलने जा रही है।
स्वतंत्र देव सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से दिया इस्तीफा !
इसी बीच यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफा देने की बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है। स्वतंत्र देव सिंह वर्तमान में योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री भी हैं।
जल्द ही होगा बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान
चित्रकूट में 29 से 31 जुलाई तक बीजेपी प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस बीच नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। चित्रकूट में तीन तक चलते वाले प्रशिक्षण वर्ग शिविर में पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ ही मंत्रियों को भी बुलाया गया है। मतलब साफ है सरकार और संगठन दोनों एक मंच पर रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस बीच नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है।
युवा चेहरे को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
यूपी विधानसभा 2022 में भाजपा की धमाकेदार जीत का इनाम प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री के रूप में मिल गया है। पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत अब सूबे में प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बदलाव होना है। 2024 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी इस बार संगठन की कमान किसी ब्राह्मण चेहरे को सौंप सकती है। योगी कैबिनेट में जगह न पाने वाले लोग इस पद की दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं। पार्टी इस बार युवा चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है।
दलित चेहरे को मिल सकती है जगह
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में यहां तक चर्चा है कि, दलित चेहरे को लेकर विचार किया जा सकता है। पार्टी के सूत्र यहां तक बताते हैं इस बार जिस तरीके से बसपा को जाटव वोट बैंक भाजपा में पड़ा है। उसको बनाए रखने के लिए किसी दलित चेहरे को बीजेपी यूपी की कमान सौंपी जा सकती है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि, जो वोट भाजपा का है वो बना रहे और लोक सभा में अन्य दलित जाति का वोट बैंक पार्टी को मिल सके।
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