सार


सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर ने बुधवार को लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह और मोदी सरकार के मंत्री कौशल किशोर से मुलाकात की है।
 

लखनऊ: सूबे के चुनाव खत्म और परिणाम आने के कुछ समय बाद ही सपा गठबंधन में गांठ पड़ती हुई नज़र आ रही है। सुहेलदेव पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर पिछले कई समय से बीजेपी के मंत्रियो के साथ मुलाकात करते हुए नज़र आ रहे है। अब इसी कड़ी में उन्होंने लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में भाजपा के दो दिग्गज नेताओं से मुलाकात की है। योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर से बंद कमरे में करीब 2 घंटे तक चली मुलाकात के बाद एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं।
  
 बेटों के साथ मुलाकात करने पहुंचे ओपी राजभर
ओपी राजभर अपने बेटों अरुण राजभर और अरविंद राजभर के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे। बैठक के बाद राजभर ने यह कहकर अटकलों को खारिज करने की कोशिश की कि वह अपने क्षेत्र के कुछ काम के सिलसिले में मिलने के लिए आए थे। वहीं, दयाशंकर सिंह ने भी कहा कि 'ओपी राजभर एक बस डिपो की मांग को लेकर आए थे। हालांकि,उनसे जब राजभर के भाजपा संग आने की संभावना को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं'। 
अब इसी के साथ अटकलों का बाज़ार भी गर्म होता दिख रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि यदि ओपी राजभर एक विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र के कामकाज के लिए मिलने गए थे तो मंत्री के कार्यालय क्यों नहीं गए? इस तरह गेस्ट हाउस मुलाकात के दूसरे मायने भी तलाशे जा रहे हैं। राजभर के दोनों बेटे भी साथ थे, जो कि सुभासपा के पदाधिकारी हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि राजभर को अपने क्षेत्र से संबंधित किसी काम के सिलसिले में मिलना था तो उनके बेटे क्यों गए थे? यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब पिछले दिनों राजभर की गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की खबरें सामने आईं थीं। हालांकि, तब सुभासपा प्रमुख ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि वह सपा के साथ बने रहेंगे। 
अखिलेश यादव के कुनबे में दरार की आशंका
चुनाव परिणाम आने के बाद से ही अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वो अपने कुनबे को कैसे संभालते है। क्योंकि अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच शीत युध्द जारी है । इतना ही नही जेल में बंद आजम खान के परिवार ने भी अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर नाराज़गी जाहिर की है। इसी कड़ी में राजभर भी बीजेपी के नेताओं से मुलाकात करते हुए नज़र आ रहे है। इसी के साथ राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज़ हो गई है कि क्या राजभर भी बीजेपी का दामन थामेंगे?