सार

मामले की सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी। किरण सिंह की याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में इस मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य विपक्षी हाजिर हुए। वादी किरन सिंह की तरफ से वाद में संसोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया।

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद ममाले से जुड़ी तीन याचिकाओं पर आज सुनवाई होनी थी। मुस्लिमों का प्रवेश रोकने समेत अन्य मांगों लेकर दायर याचिका की सुनवाई आज फास्टट्रैक कोर्ट में हुई। मामले की सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी। किरण सिंह की याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में इस मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य विपक्षी हाजिर हुए। वादी किरन सिंह की तरफ से वाद में संसोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया। जिसकी प्रति मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के लिए उपलब्ध कराई गई। जिसके बाद कोर्ट ने सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 14 जुलाई निर्धारित की।  सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर इस इस वाद को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में ट्रांसफर किया था। बता दें कि  इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया था

इन तीन मांगों पर सुनवाई
याचिका में तीन बिंदुओं पर कोर्ट से मांग की गई। जिसमें परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा पाठ राग भोग दर्शन शामिल है। याचिका में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद अवैधानिक गुंबद को हटाकर पूजा पाठ के अधिकार की बात कही गई है।

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा-पाठ, राग भोग दर्शन की मांग की गई है। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री गोंडा निवासी किरन सिंह व दो अन्य ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है।