सार

शिवलिंग पर दर्शन-पूजन करने की मांग को लेकर अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र सोमवार को विशेष न्यायाधीश अनुतोष शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से वकील अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से भी अदालत में वकील भी मौजूद रहे। 

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में तथाकथित शिवलिंग पर दर्शन-पूजन करने की मांग को लेकर अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र सोमवार को विशेष न्यायाधीश अनुतोष शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। 

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने त्यागा था अन्न जल
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से वकील अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से भी अदालत में वकील भी मौजूद रहे। बता दें  कि ज्ञानवापी आदि विशेश्वर शिवलिंग की पूजा करने को लेकर अन्न जल त्यागकर केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ में अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के समर्थन में असि के मुमुक्षु भवन में रहने वाले दंडी स्वामियों और गंगा सेवा अभियान के लोगों ने एक दिवसीय मौन धरना दिया। 

कोर्ट को दी ये दलील
मौन धरने के पश्चात वहां मौजूद अखिल भारतीय दंडी संन्यासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्चरानन्द तीर्थ ने बताया कि आदि विशेश्वर प्रकट हो चुके हैं। न्यायालय की दृष्टि में भगवान तीन वर्ष के माने जाते है। अतः उन्हें पूजा भोग एवं आरती से वंचित रखना करोड़ों सनातनियों व भगवान शिव के साथ अन्याय है।

उन्होंने कहा कि तमाम दंडी संन्यासी अविमुक्तेश्वरानंद के अन्न जल त्याग तपस्या करने का समर्थन करते है।गंगा सेवा अभियान के भारत प्रमुख राकेश चन्द्र पांडेय ने कहा कि सरकार जनभावनाओं को समझते हुए तत्काल भोग आरती शुरू करावे। मौन व धरने में स्वामी ईश्वरानन्द तीर्थ, राकेश चन्द्र पांडेय, स्वामी केशवानन्द, स्वामी रामदेव आश्रम, गणेश जयसवाल स्वामी नारायण आश्रम सहित अन्य दंडी स्वामी मौन धरने में शामिल रहें।

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