सार
ओपी राजभर ने कहा कि फिलहाल तो हम अखिलेश यादव के ही साथ हैं, जिस दिन अखिलेश कहेंगे कि हम आपको अपने साथ नहीं रखेंगे, तो हम बसपा की ओर रुख करेंगे। मायावती से गठबंधन की बात करेंगे।
वाराणसी: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख एक बार फिर से अपनी गठबंधन को लेकर अपनी बयानबाजी से चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने रविवार को वाराणसी में कहा कि फिलहाल तो हम अखिलेश यादव के ही साथ हैं, जिस दिन अखिलेश कहेंगे कि हम आपको अपने साथ नहीं रखेंगे, तो हम बसपा की ओर रुख करेंगे। मायावती से गठबंधन की बात करेंगे।
गठबंधन टूटने के नजर आ रहे आसार
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 के बाद से राजभर और सपा के बीच विवाद लगातार बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है यह गठबंधन अब ज्यादा दिन नहीं चलेगा। हाल में सियासी गलियारे में यह चर्चा थी कि विधानसभा चुनाव के वक्त सपा ने राजभर को फॉर्च्यूनर दी थी। जिसे अब वापस मांग ली। इसके बाद दोनों के बीच बयानबाजी और बढ़ गई है। इस पर राजभर ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा था कि वह फॉर्च्यूनर से नहीं चलते हैं। इससे कमर टूट जाती है। वह अपने कार्यकर्ताओं और लोगों से मिलने के लिए अपनी इनोवा से ही जाते हैं।
'आखिलेश और मायावती आपस में लड़ रहे लड़ाई'
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर की सोच को आगे बढ़ाने का काम कांशीराम ने किया। उसी बात को लेकर मायावती, अखिलेश और हम भी आगे बढ़ रहे हैं। मायावती और अखिलेश दोनों लोगों को हम कई माध्यमों से कह चुके हैं कि जब दोनों लोग गरीब, कमजोर, पिछड़ा, दलित और वंचित की लड़ाई लड़ रहे हैं, तो आपस में क्यों लड़ रहे हैं। साथ ही कहा कि अखिलेश, मायावती को खत्म करना चाहते हैं। मायावती, अखिलेश को खत्म करना चाहती हैं। जब लड़ाई एक ही है, तो दोनों लोग आपस में भला क्यों लड़ रहे हैं? जब तक अखिलेश मना नहीं करेंगे, हम उनके साथ हैं।
राजभर के इस बयान पर गर्माया था माहौल
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद राजभर ने अखिलेश को नसीहत देते हुए कहा कि एसी वाले कमरों से बाहर निकलें और जमीन पर काम करें। इसकी प्रतिक्रिया में सपा की ओर से कहा गया था कि राजभर खुद सपा की दी हुई कार के एसी में चलते हैं और दूसरों को नसीहत देते हैं।
राजभर के साथ के सियासी समीकरण
राजभर बिरादरी के मतदाता पूर्वांचल के करीब सभी जिलों में अच्छी संख्या में हैं। इन पर राजभर की तगड़ी पकड़ है। विधानसभा चुनावों में यह देखने को भी मिला था। ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के 6 विधायक इस बार विधानसभा पहुंचे हैं। इसके साथ ही, सपा गठबंधन को आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, मऊ और जौनपुर जिलों में अच्छी सफलता मिली थी। विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में ओम प्रकाश राजभर का साथ सभी राजनीतिक दल चाहते हैं।
मायावती बोलीं- दलित और उपेक्षितों में भी नहीं स्वार्थी लोगों की कमी, अपने रिश्तेदारों पर भी साधा निशाना