सार
पुलिस ने कॉल सेंटर पर दबिश दी और वहां काम करने वाले दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर के ऊपर गोदाम बना हुआ था। गोदाम खुला तो पुलिस हैरान रह गई। गोदाम में ढाई की सेक्सवर्धक दवाईयां भरी हुई थीं। दवाओं के रूप में तेल, कैप्सूल और गोलियां थीं। पुलिस ने एक हजार डिब्बे जब्त किए हैं।
आगरा : उत्तर-प्रदेश (Uttar pradesh) के आगरा (Agra) में पुलिस ने सेक्स पॉवर बढ़ाने की नकली दवा बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह कॉल सेंटर की आड़ में नकली सेक्सवर्धक दवाएं बेचता था। पोर्न साइट्स पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की फोटो लगाकर दवाओं की ब्रांडिंग की जाती थी। दो साल में करोड़ों की नकली सेक्सवर्धक दवाओं की सप्लाई की जा चुकी है। हरिद्वार पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। करीब ढाई करोड़ की दवाईयां भी जब्त की गई हैं। पुलिस को संचालक सहित अन्य आरोपियों की तलाश है।
क्या है पूरा मामला
मामला सिकंदरा क्षेत्र के नीरव निकुंज का है। जानकारी के मुताबिक बाबा रामदेव की संस्था दिव्य योग मंदिर पतंजलि फेस एक बहादराबाद के प्रतिनिधि राजू वर्मा ने बहादराबाद थाने में 28 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि एक पोर्न साइट पर योग गुरु के फोटो का इस्तेमाल करते हुए एक विज्ञापन में सेक्सवर्धक दवाएं बेचने का दावा किया जा रहा है। SSP हरिद्वार (Haridwar) के निर्देश पर बाबा रामदेव से जुड़े आईटी एक्ट के मुकदमे की जांच कोतवाली रानीपुर प्रभारी कुंदन सिंह राणा को दी गई।
पुलिस की दबिश, दो आरोपी गिरफ्तार
हरिद्वार पुलिस शुक्रवार यानी 12 नवंबर की दोपहर आगरा पहुंची। शाम को टीम SSP सुधीर कुमार सिंह से मिली। SSP ने क्राइम ब्रांच और सिकंदरा पुलिस को हरिद्वार पुलिस के साथ नीरव निकुंज भेजा। पुलिस ने कॉल सेंटर पर दबिश दी और विकास कॉलोनी के रहने वाले आकाश शर्मा और किशोरपुरा के रहने वाले सतीश कुमार को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर के ऊपर गोदाम बना हुआ था। गोदाम खुला तो पुलिस हैरान रह गई। गोदाम में ढाई की सेक्सवर्धक दवाईयां भरी हुई थीं। दवाओं के रूप में तेल, कैप्सूल और गोलियां थीं। पुलिस ने एक हजार डिब्बे जब्त किए हैं।
पूछताछ में कई खुलासे
आरोपियों से पूछताछ में पता चला था कि कॉल सेंटर दो साल से चल रहा है। ऑनलाइन और पोर्न साइट पर दवाओं का प्रचार किया जाता था। योग गुरु स्वामी रामदेव की फोटो लगाकर नकली सेक्सवर्धक दवा बेचने के लिए सोशल मीडिया और अश्लील वेबसाइटों पर विज्ञापन जारी कर कस्टमर तलाशे जाते थे। विज्ञापन पर दर्ज टेलीफोन नंबरों पर ग्राहकों के फोन करने पर कॉल सीधे सेंटर में डायवर्ट होती थी। यहां से ऑर्डर बुक कर दवाएं ग्राहकों तक भेजी जाती थीं। दवा भेजने के लिए हैमर ऑफ थॉर, नव्या ग्रुप, आरके हेल्थकेयर और एसके ट्रेडर्स फर्म का प्रयोग किया जाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में इन बातों का खुलासा किया है।
इन आरोपियों की तलाश
थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जिला के आयुर्वेदिक डॉक्टर जेके राणा ने सैंपल लिया था। जानकारी करने पर पता चला कि आरोपी हाथरस की कंपनी से दवाएं लेकर आते थे। इनका दाम भी ज्यादा नहीं होता है। कंपनी से पूछताछ में यह पुष्टि हो गई। उनसे अपने लाइसेंस की कॉपी देने के लिए कहा है। मुकदमे में बाईंपुर गांव केगजेंद्र यादव, कुआंखेड़ा गांव के दिलीप यादव, राजेश यादव, गजेंद्र यादव, बालकिशन, बादल ठाकुर, पीयूष कुमार फरार हैं।
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