सार

MLC बनने के बाद पूर्व आईएएस एके शर्मा ने जिले मऊ को लेकर खुद को समर्पण कर दिया। रेल का नया संचालन हो या फिर नए अस्पताल का निर्मोण उनके द्वारा किया गया। बता दें कि पहली बार ऐसा हुआ जब MLC अरविंद शर्मा बने तो मऊ ने विकास की नई उंचाईयों को छुआ है। पूर्वांचल को दिल्ली से जोड़कर ट्रेन को शुरू कराने का काम किया गया इस बीच ट्रेन की सौगात के रूप में मऊ के दिल्ली के साथ रेलवे को जोड़ दिया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पांच चरणों के चुनाव बीत चुके हैं। ऐसे में बीजेपी लगातार अपनी पार्टी को मजबूत करने का काम कर रही है। जमीनी स्तर पर जनता को लुभाने के लिए नए नए धुरंधरों को उतार रही है जो जमीनी स्तर पर जाकर काम कर रहे हैं। बीते साल पार्टी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा  अब जनता के बीच जाकर काम कर रहे हैं। बता दें कि अरविंद कुमार शर्मा को पार्टी में बड़ा पद दिया गया। उन्हें उत्तर प्रदेश इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वो पहले ऐसे शख्स है जिन्होंने जनता की सेवा करने के लिए रिटायर्ड होने से पहले ही नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद वो पार्टी में शामिल हुए और उन्हें कई बड़े पदों की जिम्मेदारी दी गई।

अरविंद शर्मा के MLC बनने के बाद चमका मऊ
MLC बनने के बाद पूर्व आईएएस अरविंद शर्मा ने जिले मऊ को लेकर खुद को समर्पण कर दिया। रेल का नया संचालन हो या फिर नए अस्पताल का निर्मोण उनके द्वारा किया गया। बता दें कि पहली बार ऐसा हुआ जब MLC अरविंद शर्मा बने तो मऊ ने विकास की नई उंचाईयों को छुआ है। पूर्वांचल को दिल्ली से जोड़कर ट्रेन को शुरू कराने का काम किया गया इस बीच ट्रेन की सौगात के रूप में मऊ के दिल्ली के साथ रेलवे को जोड़ दिया। इतनी ही नहीं मऊ से ट्रेन शुरू हो सके इसके लिए वाशिंग टर्मिनल बनवाया। जिसकी लागत 28 करोड़ के लगभग आई। दूसरी तरफ मऊ जिला पूर्वांचल की स्वास्थय सुविधाओं के लिए केंद्र है। इसको ध्यान में रखते हुए आधा दर्जन से अधिक स्वास्थय केंद्रों का आधुनिकरण बनाने का काम किया। कोविड काल के दौरान जहां स्वास्थय सिस्टम पूरी तरह चरमरा गए थे वहीं पीएम मोदी के भरोसे को जीतकर घोसी के तड़ियाव अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सजीन कंसंट्रेटर और आधुनिक उपकरण के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई वहीं देखते ही देखते ऑक्सीजन प्लांट CSR  से लगवाकर इलाके में एक बड़ा स्वास्थय क्रेंद्र बनवा दिया।

ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई कर अब कर रहे जमीनी स्तर पर काम
ए.के शर्मा के करियर और शिक्षा की बात करें तो पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा पहले से ही अव्वल दर्जे के छात्र रहे हैं। परास्नातक तक वो उत्तम श्रेणी के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और पढ़ाई पूरी होने के बाद खुद वहीं कई सालों तक शिक्षक के तौर पर भी काम किया। जिसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री का कोर्स पूरा किया और सरकार में रहते हैं 40 देशों की यात्रा की।

पीएम मोदी से रहा है खास रिश्ता
पीएम मोदी और ए.के शर्मा का रिश्ता बहुत पुराना हैं। अरविंद शर्मा पीएम मोदी के साथ पुराने समय से काम कर रहे हैं। तकरीबन 20 साल से पीएम मोदी अरविंद कुमार को जानते हैं।कहा जाता है कि जहां खुद पीएम मोदी जाते हैं वहां ए.के शर्मा को लेकर भी जाते हैं। दोनों के बीच एक अटूट रिश्ता है। फिलहाल ए.के शर्मा बीजेपी में एमएलसी हैं।

1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं
अरविंद शर्मा गुजरात 1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। वह यूपी के मऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने कार्यभार संभालते ही लोक कल्याण एवं क्षेत्रीय विकास के बहुत सारे काम किए। उन्होंने यातायात को मजबूत करने के लिए अच्छी सड़के, रेल, बस, पीने के पानी की सुविधा जैसे कई काम किए। उन्होंने कोरोना काल में भी शहर एवं ग्राम्य क्षेत्र में कोविड की रोकथाम के लिए सफल काम किए।शर्मा खुद वाराणसी में 40 दिन रहकर आए थे जिससे वो जनता की समस्याओं को समझ सके। उन्होंने वाराणसी में जहां बीमार वहीं उपचार नाम से एक मॉडल शुरू किया था जिसकी सराहना देशभर में हुई थी खुद पीएम मोदी ने भी उनके काम की सराहना की थी। जन समाधान के लिए उन्होंने आम लोगों के लिए पोर्टल भी बनाया। जहां जाकर लोग अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा मऊ में सड़कों का सौंदर्यीकरण करने में बड़ा योगदान दिया है।