सार

राम मंदिर का फैसला आने के बाद रामलला को टेंट से निकालकर अस्थाई मंदिर में स्थापित करने का कार्य योगी आदित्यनाथ ने किया था। इसके बाद उन्होंने पूरे कार्यकाल में 40 बार से अधिक अयोध्या का दौरा किया। इस बीच उनके अपनो ने धरातल पर चुनावी तैयारी शुरू कर दी थी। संकेतों के माध्यम से उन्होंने कई बार अयोध्या से चुनाव लड़ने की मंशा भी जाहिर की थी। 

अनुराग शुक्‍ला, अयोध्या

भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की कोर कमेटी ने यूं ही नहीं योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को अयोध्या से लड़ने का मन बनाया है। पार्टी  एक तीर से कई निशाने लगाने की तैयारी कर चुकी है। अयोध्या (Ayodhya) से पूरे यूपी को राममय करने की तैयारी है। यहां से पूरे तीन मंडलो की  60 से अधिक सीटों पर सीधा असर हो इसकी पूरी सियासी किलेबंदी भी कर ली गई है। विपक्ष के घोड़े को हिंदुत्व की लगाम से रोकने की तैयारी है। अभी फिलहाल बस्ती और देवीपाटन मंडल की सीटों पर चौसर बिछा दी गई है।

राम मंदिर का फैसला आने के बाद रामलला को टेंट से निकालकर अस्थाई मंदिर में स्थापित करने का कार्य योगी आदित्यनाथ ने किया था। इसके बाद उन्होंने पूरे कार्यकाल में 40 बार से अधिक अयोध्या का दौरा किया। इस बीच उनके अपनो ने धरातल पर चुनावी तैयारी शुरू कर दी थी। संकेतों के माध्यम से उन्होंने कई बार अयोध्या से चुनाव लड़ने की मंशा भी जाहिर की थी। संतो - महंतों से मिलकर बातचीत करना उनके साथ भोजन करना ये सब तैयारियों की एक कड़ी में था। नित्य सरजू आरती और आंजनेय सेवा समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास कहते है, अयोध्या से योगी आदित्यनाथ का चुनाव लड़ना जरूरी था। क्योंकि वे एक राम भक्त हैं। उनके गुरु महाराज ने राम जन्म भूमि के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिए। अब वह अयोध्या का विकास करा कर सच्चे तौर पर राम भक्त की भूमिका निभा रहे हैं।

सह और मात के लिए बिछा दी गई  'चौसर' , धुरंधरों ने संभाली कमान
यूपी की आधी से ज्यादा सीटों पर अयोध्या से जीत कर निकले इसके  लिए गुजरात से धुरंधर पर्यवेक्षको को बीजेपी ने जिले में तैनात कर दिया हैं। इन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चुनाव में जीत का तिलक लगाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। गुजरात के अमराईवाडी के विधायक जगदीश पटेल को अयोध्या का जिम्मा सौंपा गया है। यही के मणिनगर से सुरेश पटेल को गोसाईगंज और व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विजय पुरोहित को बीकापुर , मनीष पटेल को रुदौली और  मिल्कीपुर में भाजपा नेता सनी साहब को कमान सौंपी गई है।