सार

यह मामला बागपत जनपद के रामाला थाने का है। जहां पर तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली अपनी दाढ़ी की वजह से चर्चा में आ गए हैं। बता दें कि जिले के एसपी अभिषेक सिंह ने दरोगा को काफी दिनों पहले लंबी दाढ़ी कटवाने को कहा था। लेकिन उन्होंने दाढ़ी नहीं कटवाई।

बागपत (उत्तर प्रदेश). पुलिस और आर्मी में अनुशासन सबसे बड़ी चीज होती है, अगर किसी बड़े अफसर ने कोई भी आदेश दे दिया तो कर्मचारियों को उसे मानना ही पड़ता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में एक एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक सब इंस्पेक्टर ने अपने एसपी साहब की बात को एक बार नहीं तीन-तीन बार अनसुना कर दिया। आलम यह हुआ कि पुलिस अधीक्षक ने दरोगा को निलंबित कर दिया। वजह भी हैरान करने वाली है, वो है दरोगा की बड़ी दाढ़ी।

अपनी दाढ़ी से इतना प्यार की हो गए निलंबित
दरअसल, यह मामला बागपत जनपद के रामाला थाने का है। जहां पर तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली अपनी दाढ़ी की वजह से चर्चा में आ गए हैं। बता दें कि जिले के एसपी अभिषेक सिंह ने दरोगा को काफी दिनों पहले लंबी दाढ़ी कटवाने को कहा था। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि अगर आपको दाढ़ी रखना है तो इसके लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी। लेकिन दरोगा ने ना तो विभाग से अनुमति ली और ना ही एसपी साहब की बात मानी। आखिर में पुलिस अधीक्षक ने सब इंस्पेक्टर इंतसार अली को  निलंबित करते हुए पुलिस लाइन भेज दिया।

लंबे समय से अनुसाशनहीनता दिखा रहे थे दरोगा
बता दें कि इंतसार अली मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं वह यूपी पुलिस में एसआई के पद पर भर्ती हुए थे। पिछले तीन साल से वह बागपत जिले में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लॉकडाउन से पहले उनकी तैनाती रमाला थाने में कर दी गई थी। जहां वह अपनी लंबी दाढ़ी को लेकर सुर्खियों में आए थे। वह इस मामले में पिछले कई महीनों से अधिकारियों के आदेश की अनदेखी कर रहे थे।

एसपी ने बताए क्या हैं पुलिस विभाग के नियम
इस पूरे मामले में बागपत एसपी अभिषेक सिंह ने मीडिया को बताया कि विभाग के नियमों के अनुसार, पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय के  पुलिसकर्मियों को छोड़कर कोई लंबी दाढ़ी नहीं रख सकता। इसके बाद भी अगर किसी कारण बस  रखना हो तो उसे सही कारण बताकर प्रशासन से अनुमति लेनी होती है। लेकिन दरोगा ने ऐसा नहीं किया था, उन्होंने नियमों को नहीं मानते हुए अनुसाशनहीनता दिखाई है। इसी वजह से उन पर यह कार्रवाई की गई है। वहीं इस मामले में इंतसार अली का कहना है कि वह पिछले एक साल से विभाग से अनुमति लेने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन अभी तक कोई अनुमति नहीं मिली।