सार

सपा की जीत पर शर्त लगाने वाले अवधेश नतीजे आते ही अपनी बाइक हार गए। उन्‍होंने दोस्‍त को तुरंत अपनी बाइक दे दी थी। इस बात की जानकारी सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को हुई तो उन्‍होंने लखनऊ बुलाकर न सिर्फ अवधेश को एक लाख रुपए का चेक दे दिया बल्कि भविष्‍य में कभी ऐसी कोई शर्त न लगाने की हिदायत भी दी। 

बांदा: यूपी चुनाव के नतीजे जहां राजनीतिक दलों के लिए कई तरह के संदेश लेकर आए वहीं अलग-अलग दलों के समर्थकों के बीच भी इसके अलग-अलग रंग देखने को मिले। गांव-गांव, शहर-शहर लोगों ने अपने-अपने समीकरणों के हिसाब से जीत-हार का अनुमान लगा रखा था। कई तो इतने आश्‍वस्‍त थे कि दूसरों से शर्त तक लगा ली थी। ऐसी ही एक शर्त लगी थी बांदा के अवधेश कुशवाहा और उनके दोस्‍त के बीच में।

सपा की जीत पर शर्त लगाने वाले अवधेश नतीजे आते ही अपनी बाइक हार गए। उन्‍होंने दोस्‍त को तुरंत अपनी बाइक दे दी थी। इस बात की जानकारी सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को हुई तो उन्‍होंने लखनऊ बुलाकर न सिर्फ अवधेश को एक लाख रुपए का चेक दे दिया बल्कि भविष्‍य में कभी ऐसी कोई शर्त न लगाने की हिदायत भी दी। 

बताया जा रहा है कि अवधेश और उनके दोस्‍त के बीच शर्त लगी थी कि अगर सपा जीती तो दोस्‍त अवधेश को अपना टैंपो दे देगा और भाजपा जीत गई तो अवधेश अपनी बाइक दे देंगे। इस शर्त को लेकर दोनों के बीच स्‍टांप पेपर पर बकायदा लिखा-पढ़ी भी हो गई। 10 मार्च को चुनाव नतीजे आए तो दोपहर होते-होते भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का रास्‍ता साफ हो गया। 

बाइक से चलती थी रोजी-रोटी
सपा की हार के चलते अवधेश को शर्त हारनी पड़ी और उन्‍होंने तत्‍काल अपने दोस्‍त को बाइक दे भी दी। बाइक से गांव-गांव जाकर बिजली का सामान बेचने वाले अवधेश ने सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद बताया कि उसे शर्त में बाइक देनी पड़ी।

अखिलेश यादव ने उसे उसकी बाइक की कीमत से ज्‍यादा का चेक दिया है। इसके साथ ही ये भी कहा है कि आगे से ऐसा न करे। अवधेश ने कहा कि अब मैं बाइक खरीदकर दोबारा से अपना काम शुरू करूंगा।