सार

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक दिव्यांग मानसिक रोगी को पुलिस ने आठ दिन थाने में बंद रखने के बाद छोड़ दिया है। पुलिस ने उसकी बुजुर्ग मां को उठाकर थाने में बंद कर दिया है।
 

जौनपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक दिव्यांग मानसिक रोगी पर जुल्म ढाया। उसे आठ दिन से थाने में कैद कर रखा गया। मामला मीडिया में आने के बाद गुरुवार को पुलिस ने मानसिक रोगी को छोड़ दिया, लेकिन उसकी बुजुर्ग मां को घर से उठाकर थाने में बंद कर दिया। मामला जौनपुर जिला के सुजानगंज थाने का है। पीड़ित युवक का नाम नीरज मिश्रा है। 

पुलिस गुरुवार को नीरज की पत्नी प्रियंका और उसकी बुजुर्ग मां कांता देवी को घर से उठाकर ले गई थी। प्रियंका दिव्यांग हैं। पुलिस ने बाद में प्रियंका को छोड़ दिया, लेकिन नीरज की मां अभी भी थाने में बंद हैं। प्रियंका ने बुधवार को कहा था कि मैं भी विकलांग हूं। जब भी अपने पति को छुड़ाने के लिए थाना जाती हूं तो पुलिसवाले मुझे फटकार लगाकर भगा देते हैं। इस संबंध में मैंने जौनपुर के एसएसपी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। 

क्या है मामला?
दरअसल बीते 28 दिसंबर को जौनपुर जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के रामनगर चेती चौराहे पर बाइक सवार बदमाशों ने राम आसरे नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसमें एक आरोपी को स्थानीय लोगों ने मौके पर ही पकड़ लिया था और पुलिस के हवाले कर दिया था। 

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गोलीकांड में पोखरा निवासी बृजेश कुमार, आशीष कुमार और रंजीत कुमार के अलावा हरईपुर गांव के रहने वाले पंकज मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। थाने में आठ दिन से कैद मानसिक रोगी नीरज मिश्रा पंकज मिश्रा का भाई है। पुलिस 29 दिसंबर को पंकज मिश्रा के 70 साल के पिता रमाकांत मिश्रा को भी हत्या के आरोप में जेल भेज चुकी है। उनके मानसिक रोगी बेटे नीरज को आठ दिन तक थाने में बंद रखा गया। इस संबंध में एशियानेट न्यूज हिंदी ने जौनपुर के एसएसपी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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