सार

सच्ची मोहब्बत की यह कहानी मध्यप्रदेश के सागर जिले के मड़ावन गांव के रहने वाले मोहन रायकवार नाम के युवक की है। जिसने जब ललितपुर जिले के मदनपुर कस्बे की निवासी नेत्रहीन वंदना नाम की लड़की को देखा तो उसे वह पहली ही बार में दिल दे बैठा।

ललितपुर (उत्तर प्रदेश). कहते हैं कि प्यार एक ऐसा अहसास है जिसमें अमीरी-गरीबी और रंग-रूप को नहीं देखा जाता  है। बस लोगों को एक ही नजर में हो जाता है। मोहब्बत की ऐसी ही अनोखी मिसाल यूपी के ललितपुर जिले के एक युवक ने पेश की है। जिसे एक नेत्रहीन लड़की से प्यार हो गया और वह उससे शादी करने का मन बना लिया। लेकिन उसके घरवाले इसके खिलाफ थे, ऐसे में वह अकेले ही लड़की के घर बारात लेकर पहुंच गया और  पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी कर दिव्यांग लड़की को दुल्हन बनाकर घर ले आया। 

पहली ही मुलाकात में दिव्यांग लड़की को दे बैठा था दिल 
दरअसल, सच्ची मोहब्बत की यह कहानी मध्यप्रदेश के सागर जिले के मड़ावन गांव के रहने वाले मोहन रायकवार नाम के युवक की है। जिसने जब ललितपुर जिले के मदनपुर कस्बे की निवासी नेत्रहीन वंदना नाम की लड़की को देखा तो उसे वह पहली ही बार में एक तरफा दिल दे बैठा। जिसके बाद उसने वंदना को अपनी जीवनसाथी बनाने का मन बना लिया। 

रोटी भी नहीं बना सकती है दुल्हन फिर बना लिया पत्नी
एक दिन मोहन ने वंदना के सामने अपने प्यार का इजहार कर दिया और कहा कि वह उसका हाथ थमेगा। जब लड़की ने कहा कि तुम्हारे घर वाले तैयार नहीं हुए तो क्या करोगे। मोहन ने कहा अब मेरी पत्नी तो तुम ही बनोगी चाहे कुछ हो जाए। बता दें कि वंदना कोई काम ठीक से नहीं कर सकती है, लेकिन मोहन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उसने कहा कि वह पैसा कामकर उसका इलाज कराएगा। साथ ही घरवालों को भी बाद में मना लूंगा।

बेटी की शादी में माता-पिता की खुशी आंसू बनकर छलक रही थी
बता दें कि मोहन के घरवाले जब शादी कराने को तैयार नहीं हुए थे उसके दोस्त बारात में रिश्तेदार बनकर पहुंचे। मोहन को दूल्हा बना देख लड़की के घरवालों का खुशी का ठिकाना नहीं था। क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी बेटी देख नहीं सकती है इसलिए वह जिंदगी भर कुंवारी ही रहेगी। लेकिन बेटी के पीले हाथ करने की खुशी माता-पिता के आंसू बनकर छलक रही थी। इतना ही नहीं इस शादी की खुशी दुल्हन के घरवालों को भी थी, सभी ने मिलकर धूमधाम से वंदना और मोहन की शादी की।