सार
एक सप्ताह पहले पहले वाराणसी के लहरतारा इलाके के होमी भाभा कैंसर अस्पताल में तीन साल के बच्चे को भर्ती कराया गया था। जिसकी हालत देखकर डॉक्टरों का कहना था कि इस बच्चे का बचना मुश्किल है। क्योंकि मासूम कोरोना के साथ ब्लड कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को भी झेल रहा था। लेकिन बच्चे को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह इन खतरनाक बामारियों को सामना कर रहा है।
वाराणसी (उत्तर प्रदेश). कोरोना वायरस के दूसरी लहर में रोजाना लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं, तो हजारों की सांसे थम रही हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि रिकवर होने वालों की सख्यां भी तेजी से बढ़ रही है। सही समय पर इलाज के साथ मरीज अपनी हिम्मत और हौसला बनाए रखें तो बड़ी आसानी से यह जंग जीती जा सकती है। इसी जोश और जज्बे की दम पर 80 और 100 साल के बुजुर्ग से लेकर 8 से 10 वर्ष के बच्चे भी कोरोना को मात दे रहे हैं। ऐसी ही एक दिल को सुकून कर देने वाली तस्वीर यूपी के वाराणसी से सामने आई है, जहां तीन साल के बच्चे ने कोरोना को हराया है। जबकि वह पहले से ब्लड कैंसर से पीड़ित है।
गजब हौसला, देखकर नहीं लगता था उसे कोरना
दरअसल, एक सप्ताह पहले पहले वाराणसी के लहरतारा इलाके के होमी भाभा कैंसर अस्पताल में तीन साल के बच्चे को भर्ती कराया गया था। जिसकी हालत देखकर डॉक्टरों का कहना था कि इस बच्चे का बचना मुश्किल है। क्योंकि मासूम कोरोना के साथ ब्लड कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को भी झेल रहा था। लेकिन बच्चे को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह इन खतरनाक बामारियों को सामना कर रहा है। जब भी नर्स और डॉक्टर उसके पास जाते तो वह मुस्कुराते हुए बात करता था। बीच-बीच में वह अपने बेड पर डांस भी करने लगता था। जिसको देखकर अन्य मरीज भी हैरान थे।
बच्चे के साथ डॉक्टर और नर्स किया जमकर डांस
इस बीच डॉक्टरों ने पीपीई किट पहनकर उसका कोरोना वार्ड में हौसला बढ़ाया। नर्से बच्चे को घर से खिलौना लाकर देती थीं। बच्चे ने अपने हौसले और डॉक्टर की मेहनत के कारण 7 दिन में ही कोरोना को हरा दिया। जब बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई तो अस्पताल के डॉक्टर और नर्स खुशी का ठिकाना नहीं था। वह कोविड वार्ड में ही बच्चे के साथ डांस करने लगे। जिसे देखकर अन्य मरीजों ने भी तालियां बजाकर बच्चे का स्वागत किया।