सार
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन हफ्ते में याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति वी के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी की याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी को राहत दी है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान आपत्तिजनक बयान देने के आरोप में मऊ की नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी तलब किया है।
बता दें कि न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति वी के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी की याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की। याची का तर्क था कि उस पर आरोप है कि तीन मार्च की चुनावी सभा में उसने सत्ता में आने पर अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी, जिसकी एफआईआर चार मार्च को दर्ज कराई गई थी।
अब्बास पर दर्ज एफआईआर को बताया गलत
याची की ओर से कहा गया कि आरोपों पर सात साल से अधिक सजा नहीं दी जा सकती और 153 ए संज्ञेय अपराध की धारा जानबूझकर जोड़ी गई है। कहा गया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है, लेकिन यह सही नहीं है। इस धारा में पुलिस याची को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है, जबकि वह मऊ से विधायक हैं। उन्हें शपथ लेने नहीं दी जा रही है।
हाईकोर्ट ने दिया सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन हफ्ते में याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने याची को विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया है और कहा है कि सहयोग नहीं करते तो अंतरिम आदेश विखंडित करने की सरकार अर्जी दाखिल कर सकती है।
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