सार

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की उत्तरी विधानसभा सीट पर अग्रवाल समाज के लोगों ने विरोध तेज कर दिया है, हालांकि इस सीट पर 1989 के बाद बीजेपी ने लगातार जीत दर्ज की है। बीएसपी और एसपी इस सीट पर अभी तक अपना खाता तक नहीं खोल पाई है।

सुनील कुमार, आगरा

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की उत्तरी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने अभी तक जीत दर्ज नहीं की है, जबकि बीएसपी और एसपी दोनों ही दलों ने पूर्ण बहुमत से प्रदेश में सरकारें बनाईं हैं। आगरा की उत्तरी विधानसभा सीट पर पिछले 36 साल से बीजेपी का कब्जा है। कभी कांगे्रस का गढ़ माने जाने वाली वैश्य बाहुल्य उत्तरी विधानसभा सीट पर अब तक बीजेपी ने पटाका फहराया है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 10 फरवरी को पहले चरण में चुनाव होंगे। आगरा की सभी नौ विधानसभा सीट के लिए 15 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। आगरा में सभी नौ विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जबकि समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन ने पांच और बीएसपी से सभी नौ विधानसभा के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।

36 सालों से बीजेपी का है कब्जा
आगरा की उत्तरी विधानसभा सीट वर्ष 2012 के परिसीमन के दौरान अस्तित्व में आयी थी। इससे पहले इस सीट को आगरा पूर्वी के नाम से जाना जाता था। 1952 से 1989 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। इसके बाद बीजेपी ने किसी पार्टी को यहां से जीत दर्ज करने नहीं दी। सत्यप्रकाश विकल के बाद जगनप्रसाद गर्ग उत्तरी विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं। 36 साल से बीजेपी इस सीट पर काबिज है। 2019 के उपचुनाव में बीजेपी ने पुरुषोत्तम खंडेलवाल को यहां से प्रत्याशी घोषित किया गया था। जिन्होंने एसपी के प्रत्याशी सूरज शर्मा को पटखनी दी थी।

कैडर वोटर कर रहे हैं विरोध
वैश्य समाज बीजेपी का कैडर वोट माना जाता रहा है, लेकिन उत्तरी विधानसभा सीट पर वैश्य समाज का एक धड़ा अग्रवाल समाज में खासा रोष है। अग्रवाल समाज के तमाम संगठन बीजेपी प्रत्याशी के विरोध में उतर आएं हैं। शनिवार यानि 15 जनवरी को टिकट की घोषणा होने के बाद से अग्रवाल समाज के लोगों ने बीजेपी के ब्रजक्षेत्र कार्यालय पर विरोध प्रकट किया था। बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल का कहना है कि अग्रवाल समाज आगरा में अच्छी खासी संख्या में मौजूद है, इसके बावजूद भी अग्रवाल समाज को दरकिनार कर किसी अन्य को टिकट दे दी गई है। जबकि उत्तरी विधानसभा सीट पर 4 लाख 30 हजार 500 के करीब वोटर हैं जिनमें से 1.50 लाख अग्रवाल समाज के ही वोटर हैं। इसके अलावा वैश्य और व्यापारी वर्ग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा वे खुद पार्टी से 20 साल से जुड़े हैं इससे पहले उन्होंने संघ में रहकर सेवा की है। उन्होंने दावा किया है कि अगर बीजेपी समाज से प्रत्याशी नहीं उतारेगी तो तस्वीर बदल भी सकती है।