सार
उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावी समर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से स्टार प्रचारकों की श्रेणी में सबसे पहले पायदान पर हैं। साल 2017 के चुनाव में उन्होंने जहां भी चुनाव प्रचार किया वहां भाजपा ने अपने इतिहास को दुरुस्त किया या नया इतिहास बना डाला। ऐसे में साल 2022 के पांच राज्यों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार चुनावी जन सभाएं, चुनाव आयोग के पबन्दियों के हटाने के बाद कर रहे हैं।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज़ बैठी हुई है। देवरिया में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ चुनावी जनसभा को सम्बोधित करने के बाद वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मंच से बूथ विजय सम्मलेन को सम्बोधित किया। इस दैरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठे गले के साथ ही विरोधियों को ललकारते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया। इसके पहले गोल्फ कार्ट पर खड़े होकर आठों विधानसभाओं के ब्लॉक में बूथ लेवल पदाधिकारियों के अभिवादन को स्वीकार किया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावी समर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से स्टार प्रचारकों की श्रेणी में सबसे पहले पायदान पर हैं। साल 2017 के चुनाव में उन्होंने जहां भी चुनाव प्रचार किया वहां भाजपा ने अपने इतिहास को दुरुस्त किया या नया इतिहास बना डाला। ऐसे में साल 2022 के पांच राज्यों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार चुनावी जन सभाएं, चुनाव आयोग के पबन्दियों के हटाने के बाद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर है और कालजली काशी देश को दिशा दिखा रही है। कुछ दिन पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी बनारस को आशीर्वाद देने फिर से स्थापित हो गई हैं। पहले काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी।'
उन्होंने कहा, 'सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी। लेकिन, काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? उन घोर परिवारवादियों को मालूम नहीं है कि ये जिंदा शहर बनारस है! ये शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है। और अब बनारस, विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है, वो देश के लिए गरीबी से मुक्ति के रास्ते खोलेगा, अपराध से मुक्ति के रास्ते खोलेगा।'
काशी के प्रति अपने अनुराग इजहार करते हुए पीएम ने कहा, 'मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है. उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी। इसका मतलब ये कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छोड़ेगी। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं। लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला।'
पीएम मोदी ने कहा, 'काशी तो अविनाशी कही जाती है। और काशी के लोग जब विश्वनाथ धाम परियोजना को लेकर गर्व का अनुभव कर रहे थे, तो उस समय हमने एक और अनुभव किया। हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं। मैंने इस बार लाल किले से कहा है कि 100% लाभार्थियों तक जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए। जब ऐसा होगा तो न तुष्टिकरण की कोई संभावना होगी, न किसी भेदभाव की। इस काम में भाजपा कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी भूमिका है।'