सार
रसड़ा विधान सभा से नव निर्वाचित 51 वर्षीय बसपा विधायक उमाशंकर सिंह मूल रूप से नगरा ब्लाक के खनवर नवादा के मूल निवासी हैं। इनकी शिक्षा ग्रेजुएशन तक हुई है। उमाशंकर सिंह की यह तीसरी जीत है। घुरहू सिंह के बड़े पुत्र उमाशंकर सिंह का राजनीतिक सफरनामा छात्र संघ से शुरू हुआ और वे सतीश चंद्र महाविद्यालय बलिया से छात्रसंघ के महामंत्री बने। तत्पश्चात 2002-2003 में जिला पंचायत सदस्य बने।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम में जहां एक ओर भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर दोबारा सत्ता में वापसी की है वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस चुनाव में अपना पिछला प्रदर्शन सुधारा है। कांग्रेस जहां अब प्रदेश में दो विधायकों के साथ तीसरी बड़ी पार्टी बन गई है वहीं बसपा प्रदेश की चौथी पार्टी मात्र एक विधानसभा सीट को जीतकर विधायकों के लिहाज से बनी है। बसपा हो यह सीट पूर्वांचल के बलिया जिले में रसड़ा विधानसभा में हासिल हुई है। बलिया जिले की रसड़ा सीट पर बसपा से उमाशंकर सिंह को कुल 87089 मत हासिल हुए हैं। उमाशंकर सिंह 2022 में तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस लिहाज से अब यूपी में बसपा का एकमात्र विधायक बलिया जिले के रसड़ा से है। अब वह बसपा की ओर से विधानसभा में अकेले ही मोर्चा संभालेंगे।
जानिए कौन हैं उमाशंकर सिंह
रसड़ा विधान सभा से नव निर्वाचित 51 वर्षीय बसपा विधायक उमाशंकर सिंह मूल रूप से नगरा ब्लाक के खनवर नवादा के मूल निवासी हैं। इनकी शिक्षा ग्रेजुएशन तक हुई है। उमाशंकर सिंह की यह तीसरी जीत है। घुरहू सिंह के बड़े पुत्र उमाशंकर सिंह का राजनीतिक सफरनामा छात्र संघ से शुरू हुआ और वे सतीश चंद्र महाविद्यालय बलिया से छात्रसंघ के महामंत्री बने। तत्पश्चात 2002-2003 में जिला पंचायत सदस्य बने।
वर्ष 2012 में पहली बार सक्रिय राजनीति में आये और बसपा की टिकट से चुनाव लड़े और लगभग 84 हजार से अधिक मत प्राप्त कर सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय को ऐतिहासिक 52825 मतों से शिकस्त देकर विधायक निर्वाचित हुए। उसके बाद 2017 के चुनाव में उमाशंकर सिंह ने लगभग 92272 मत प्राप्त कर भाजपा प्रत्याशी रामइकबाल सिंह को 33885 मतों से हराकर दूसरी बार विधायक बने। बसपा ने अंतिम समय में इन्हें विधानमंडल दल के नेता भी बनाया। उनका कहना है कि विषम परिस्थितयों में रसड़ा की महान जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है उनका विश्वास हमेशा कायम रखूंगा।
Inside Story: कांग्रेस का 40 साल से इस सीट पर कब्जा, BJP नहीं दिखा पाई कमाल