सार
विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी चुने जाने को लेकर भाजपा पदाधिकारियों ने अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। इसे लेकर ब्लाक, जिला और चुनाव क्षेत्र स्तर पर प्रभारी मनोनीत कर दिए गए हैं। उन्होंने पार्टी के पक्ष में प्रचार भी शुरू कर दिया है। हालांकि प्रत्याशी के नाम की घोषणा अभी तक नहीं हो सकी है।
लखनऊ: विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद अपने-अपने क्षेत्र से चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों को पार्टी ने विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी चुने जाने के लिए हो रहे चुनाव में टिकट देने से इंकार कर दिया है। इसके पीछे पार्टी का तर्क भाजपा के अन्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं को अवसर देना है। इससे हारे हुए उम्मीदवार फिलहाल अपने चुनावी भविष्य को लेकर निराश हैं।
विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी चुने जाने को लेकर भाजपा पदाधिकारियों ने अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। इसे लेकर ब्लाक, जिला और चुनाव क्षेत्र स्तर पर प्रभारी मनोनीत कर दिए गए हैं। उन्होंने पार्टी के पक्ष में प्रचार भी शुरू कर दिया है। हालांकि प्रत्याशी के नाम की घोषणा अभी तक नहीं हो सकी है। जिन लोगों ने टिकट के लिए दावेदारी की है, उनमें वह नेता भी शामिल हैं, जो विधानसभा चुनाव जीतने में सफल नहीं हो सके हैं। ऐसे नेताओं की दावेदारी को पार्टी नेतृत्व ने सिरे से खारिज कर दिया है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों में सात पर भाजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। पार्टी सूत्रों के अनुसार इनमें से पांच ने विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की थी।
पहले दिन छह लोग ले गए पर्चा
गोरखपुर-महराजगंज स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य के चुनाव को लेकर मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी गई। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन कार्य शुरू हो गया। पहले दिन समय समाप्त होने तक छह लोगों के लिए पर्चे ले जाए गए हैं। नौ अप्रैल को गोरखपुर एवं महराजगंज के 33 बूथों पर वोट डाले जाएंगे। पांच हजार 449 मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।
प्रत्याशी नामांकन पत्र 22 मार्च तक दाखिल कर सकेंगे। 23 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 25 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नौ अप्रैल को सुबह आठ से शाम चार बजे तक वोट डाले जाएंगे। 12 अप्रैल को मतगणना होगी।