सार
चारधाम यात्रा में इस बार दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों ने नया रिकॉर्ड बनाया तो वहीं एक हफ्ते के अंदर 20 यात्रियों की मौत पर शासन ने कदम उठाया है। स्वास्थ्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों और चारधाम से संबंधित जिलों के डीएम, पुलिस कप्तान व सीएमओ के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षी।
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है लेकिन कोरोना काल के पूरे दो साल बाद इतने श्रद्धालु पहुंचे जिसकी वजह से यात्रियों की मौतें और अव्यवस्थाओं नजर आई। जिसके बाद से शासन हरकत में आया है। स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने विभागीय अधिकारियों और चारधाम से संबंधित जिलों के डीएम, पुलिस कप्तान व सीएमओ के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षी की है। एक हफ्ते के अंदर करीब 20 तीर्थयात्रियों की मौत हुई जिसके बाद शासन ने यह कदम उठाया।
पर्यटन विभाग के जरिए हेल्थ एडवाइजरी को करें व्यापक
शासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर मंगलावर को बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे मुख्य चिकित्सा के साथ-2 यात्रा व्यवस्था की नियमित निगरानी करते हुए समीक्षा करें। इस दौरान कुछ ठोस निर्णय भी लिया गया है। वहीं विभाग ने हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इससे तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी होती हैं। शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यटन विभाग के जरिए हेल्थ एडवाइजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्ति कराएं।
15-15 दिन के लिए रोस्टर के आधार पर होगी तैनाती
स्वास्थ्य सचिव ने बैठक में कहा कि चारधाम यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि यात्रा ड्यूटी में शिथिलता और अनुपस्थित डॉक्टरों व अन्य स्टाफ पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आपात स्थिति में मरीजों और पीड़ित तीर्थयात्रियों को तत्काल राहत के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इतना ही नहीं तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाने को कहा गया है। सचिव ने जिलाधिकारी चमोली के अनुरोध पर एक फिजीशियन को तत्काल जिला अस्पताल गोपेश्वर में तैनात करने के निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए। आगे बताती है कि दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को 15-15 दिन के लिए रोस्टर के आधार पर चारधाम यात्रा के लिए डॉक्टरों की तैनाती करने को कहा।
चारधाम यात्रा पर रखें इन खास बातों का ध्यान
यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट न रहें, ऊंचाई वाले स्थानों पर व्यायाम से भी बचें। इतना ही नहीं लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम जरूर करें। स्वास्थ्य जांच के बाद ही यात्रा पर जाएं, धूम्रपान और अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें। साथ ही तीर्थस्थल पर पहुंचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा। यात्रा के दौरान ये खास बिमारियों से पीड़ित लोग हृदय, सांस, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें। बीमार व्यक्ति अपने डॉक्टर के परामर्श का पर्चा, डॉक्टर का नंबर और लिखी गई दवाएं साथ रखें। सिर दर्द, चक्कर, घबराहट, दिल की धड़कन तेज होने, उल्टी, हाथ-पांव और होठों का नीला पड़ना, थकान महसूस होना, सांस फूलना, खांसी जैसे लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें या 104 व एंबुलेंस के लिए 108 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। इतना ही नहीं अति बुजुर्ग और पूर्व में कोविड से ग्रसित रहे लोगों को यात्रा फिलहाल रद्द करने की सलाह दी गई है।
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