सार

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने कहां तक पढ़ाई की है और उन्होंने उत्तराखंड दौरे में अपने गुरुओं को लेकर कई सारी बातों का उल्लेख किया। 

देहरादून: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ राज्य में दोबारा सत्ता में वापसी आने के बाद पहली बार उत्तराखंड दौरे पर गए है। अपने उत्तराखंड दौरे के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यमकेश्वर स्थित गोरखनाथ महाविद्यालय में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण किया। साथ ही महाविद्यालय प्रांगण में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गुरु को याद कर सीएम योगी भावुक हो गए। उनकी आंखों से आंसू तक छलक आए। 

उत्तराखंड के दौरे पर सीएम योगी ने गुरुओं को लेकर भावुक हुए। उन्होंने अपने गुरु को लेकर कहा कि उनकी जन्मभूमि पर आज मैं उन्हें सम्मान दे पा रहा हूं। मुख्यमंत्री योगी आगे कहते है कि यहां मुझे अपने स्कूली गुरुओं का भी सम्मान प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैंने पहली से 9 वीं क्लास तक यहां से पढ़ाई की है। 9 वीं क्लास के बाद मैं अपने पिताजी के साथ चला गया था। मुझे दुख है कि उस समय के मेरे कई गुरुजन आज हम सबके के बीच नहीं हैं। मुझे यहां 6 गुरुजनों को सम्मान देने का अवसर प्राप्त हुआ है।

स्वास्थ्य ठीक न हो पाने के कारण नहीं ला पाए
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि महंत अवैद्यनाथ की प्रेरणा से ही वर्ष 1997-98 में ही कॉलेज की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि उनके गुरु को हमेशा ही शिक्षा व्यवस्था की चिंता रहती थी। जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने उपरोक्त विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। मुख्यमंत्री योगी आगे कहते है कि वे अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ को उनके अंतिम समय में वे यहां लाना चाहते थे, लेकिन उनका स्वास्थ्य सही नहीं हो पाने के कारण वे उन्हें नहीं ले पाए थे। योगी आगे कहते है कि साल 2005 में यहां डिग्री कॉलेज में सुचारू रूप से पढ़ाई की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब यहां अतिशीघ्र की विज्ञान संकाय की पढ़ाई का आरंभ भी किया जाएगा। 

योगी ने गजा के स्थानीय स्कूल से की पढ़ाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असल नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनका जन्म 5 जून 1972 को पंचूर गांव, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) में हुआ था और वह साल 1998 में महज 26 साल की उम्र में ही लोकसभा सांसद बन गए थे। योगी न केवल एक कुशल राजनेता हैं, बल्कि हिंदू युवा वाहिनी नाम के एक युवा संगठन के फाउंडर भी हैं। बता दें कि सीएम योगी ने टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की थी।

उन्होंने इसी स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और ग्रेजुएशन (बीएससी-मैथ) कोटद्वार की गढ़वाल यूनिवर्सिटी से किया। ग्रेजुएशन के दौरान ही वह एबीवीपी से जुड़े। इसके अलावा जब वह एमएससी कर रहे थे, तभी गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए। यहां के महंत अवैद्यनाथ की नजर जब अजय बिष्ट पर पड़ी तो उन्हें इस लड़के में कुछ खास नजर आया और कुछ ही समय बाद योगी आदित्यनाथ ने संन्यास की दीक्षा ले ली।

साल 1990 में योगी आदित्यनाथ ने छोड़ा था घर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 1990 में अयोध्या राम मंदिर मूवमेंट में शामिल होने के लिए घर छोड़ा था। उनका प्रिय खेल बैंडमिंटन खेलना औ तैराकी करना पसंद है। वह गोरखनाथ मठ के प्रमुख महंत अवैद्यनाथ के शिष्य रहे और बाद में इसी मठ के खुद भी प्रमुख बने। जब उन्होंने नाथ संप्रदाय के तहत संन्यास की दीक्षा ली, तब उन्हें योगी आदित्यनाथ नाम मिला। 12 सितंबर 2014 को जब गोरखनाथ मठ के प्रमुख अवैद्यनाथ का निधन हुआ उसके बाद से योगी आदित्यनाथ को मठ का पीठाधीश्वर बनाया गया।

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