सार
घटना के तीसरे दिन परिजन मृत स्नेहा के सामान सुरक्षित करने के लिए कमरे में पहुंचे, तभी उनकी नजर दीवार पर लिखी कहानी पर पड़ी। स्नेहा ने दीवार पर अंग्रेजी में लिखा था ‘सॉरी मां सचमुच मैं न जीने के लायक हूं और न जीना चाहती हूं। बेटू के लिए मैं घरवालों से बैर कर बैठी और उसने मुझे ही छोड़ दिया'।
कानुपर (Uttar Pradesh) । वेलेंटाइन डे में प्यार के साथ-साथ बेवफाई की भी कहानियां सामने आती आ रहीं हैं। कुछ ऐसी ही एक घटना कल्याणपुर थाने के मसवानपुर में हुई। जहां प्रेमी की बेवफाई करने पर आईटीआई की छात्रा ने दीवार पर सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगा ली, जिसमें उसने अपनी मौत की वजह प्रेमी की बेवफाई को बताया। अब मृतका के परिजनों ने थाने में कार्रवाई के लिए तहरीर दी है।
पहले आत्महत्या मान रहे थे लोग
कल्याणपुर थाने के मसवानपुर में रहने वाले कारपेंटर रविंद्र विश्वकर्मा की बेटी स्नेहा (18) पांडुनगर आईटीआई की छात्रा थी। 11 फरवरी की सुबह उसने कमरे में दुपट्टे से लटककर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची, लेकिन किसी की भी नजर दीवार पर लिखे सुसाइड नोट पर नहीं पड़ी थी। कोई सुसाइड नोट न मिलने पर पारिवारिक विवाद में आत्महत्या मानकर पुलिस ने मामला रफा-दफा कर दिया।
तीन दिन बाद मिला ये सुसाइड नोट
घटना के तीसरे दिन परिजन मृत स्नेहा के सामान सुरक्षित करने के लिए कमरे में पहुंचे, तभी उनकी नजर दीवार पर लिखी कहानी पर पड़ी। स्नेहा ने दीवार पर अंग्रेजी में लिखा था ‘सॉरी मां सचमुच मैं न जीने के लायक हूं और न जीना चाहती हूं। बेटू के लिए मैं घरवालों से बैर कर बैठी और उसने मुझे ही छोड़ दिया'।
पिता ने सुनाई ये कहानी
स्नेहा के पिता रविंद्र का आरोप है कि बेटू करीब एक साल से स्नेहा के पीछे पड़ा था। स्कूल तक पीछा करता था। दोनों चुपके से फोन पर बात करते थे। जानकारी होने पर हमने विरोध किया तो बेटी ने उसे अच्छा लड़का बताकर शादी करने की इच्छा जाहिर की थी। इसकी जानकारी होते ही बेटू ने उससे मुंह मोड़ लिया था।
पुलिस की जांच में आईं ये बातें
इंस्पेक्टर कल्याणपुर अजय सेठ ने मीडिया से कहा कि मसवानपुर के ही रहने वाले सिद्धार्थ सिंह उर्फ बेटू ने छात्रा को प्रेम जाल में फंसाकर धोखा दिया था, जबकि स्नेहा के फोन में 10 जनवरी को बेटू के नंबर से बातचीत की रिकॉर्डिंग मिली है। सुबह करीब 10 बजे स्नेहा ने उसे फोन किया, जिस पर बेटू के फोन से किसी लड़की ने बात की। खुद को बेटू की पत्नी बताकर स्नेहा को भला-बुरा कहा। इसके बाद स्नेहा ने काफी प्रयास किया, लेकिन बेटू ने उससे बात नहीं की और अगले दिन सुबह उसका शव फांसी के फंदे पर झूलता हुआ मिला था।