सार
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। इसकी जानकारी अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर दी थी। नेताजी साल 2006 में काशी के ज्योतिष की भविष्यवाणी सुनकर चौंक गए थे और उसके बाद उनकी बात सच हुई थी।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार की सुबह निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे ली। 82 वर्षीय मुलायम करीब दो साल से ब्लड प्रेशन और यूरिन इन्फेक्शन जैसी बिमारियों से जूझ रहे थे। पिता की मौत की खबर अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर दी। अखिलेश ने लिखा, ''मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे…।'' उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने शोक प्रकट किया। वहीं धर्मनगरी काशी का भी माहौल गमगीन है। इतना ही नहीं यहां के ज्योतिषाचार्य से नेताजी का गहरा लगाव रहा है। इससे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से भी हैं।
नेताजी को लेकर भविष्यावाणी हुई थी सच
दरअसल कोई भी परेशानी या फिर मुश्किल के समय में मुलायम सिंह यादव काशी के ज्योतिषी स्वामी कन्हैया महाराज से ज्योतिषी सलाह लिया करते थे। साथ ही विशेष पूजा अनुष्ठान भी उनके उपस्थिति में होता था। ज्योतिषाचार्य कन्हैया महाराज ने बताया कि साल 2006 में जब विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी थी, तब मुलायम सिंह यादव राज्य में दोबारा पार्टी की वापसी को लेकर चिंति थे। तब उन्होंने मुझे लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास में बुलाया था। स्वामी के अनुसार उस वक्त नेताजी की हाथों की लकीरें देखकर साफ कहा था कि साल 2007 में उनके हाथ से सत्ता की कुर्सी चली जाएगी। इसको सुनने के बाद वह चौंक गए थे। हालांकि विधानसभा चुनाव का नतीजा भविष्यवाणी के अनुसार आया भी था। सपा के बाद प्रदेश में बसपा सरकार बनी थी।
काशी में पूजा कराने के बाद दोबारा हुई थी सत्ता में वापसी
ज्योतिषी स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि शनि के दोष की वजह से मुलायम सिंह यादव को सत्ता से जाना पड़ा था। उसके बाद उन्होंने शनि की शांति के लिए काशी में गुपचुप तरीके से विशेष पूजा कराई थी। उसके बाद गंगा में जीवित मछलियों को भी छोड़ा गया था। फिर दोबारा साल 2012 में समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार में आई। इसके पहले भी कन्हैया महाराज ने मुलायम सिंह यादव के लिए कई पूजा अनुष्ठान किए थे। उन्होंने आगे बताया कि साल 2005 में बीमारी के दौरान लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में पूजा हुई। इसके दूसरे दिन ही विधानसभा भवन के बाहर भी नेताजी के स्वास्थ्य लाभ के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया। इसका आयोजन इटावा के तत्कालीन एमएलसी दयाराम प्रजापति ने इसका आयोजन कराया था। महाराज की आखरी मुलाकात साल 2019 में राजधानी में हुई थी।
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