सार
पीएम मोदी सिगरा स्थित रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर पहुंच चुके हैं। इससे पहले एलटी कॉलेज पहुंचकर उन्होंने अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहें।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत सिगरा स्थित रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर पहुंच चुके हैं। यहां वह तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले उन्होंने एलटी कॉलेज पहुंचकर अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहें।
'हम केवल डिग्री धारक युवा न करें तैयार'
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल आधार, शिक्षा को संकुचित सोच के दायरों से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना है। अखिल भारतीय शिक्षा समागम का ये आयोजन उस पवित्र धरती पर हो रहा है जहां आजादी से पहले देश की इतनी महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी। ये समागम आज ऐसे समय हो रहा है, जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर है। काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को ही माना गया है। इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का मंथन, जब सर्व विद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा, तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा।
'नई शिक्षा नीति का फोकस बच्चों की स्किल्ड बनाने पर'
पीएम मोदी ने कहा कि हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की जरूरत हो, हमारी शिक्षा व्यवस्था वो देश को दे। इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है। कोरोना की इतनी बड़ी महामारी से हम न केवल इतनी तेजी से उबरे, बल्कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक हैं। आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहाँ पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है। देश की बेटियों के लिए, महिलाओं के लिए भी जो क्षेत्र पहले बंद हुआ करते थे, आज वो सेक्टर बेटियों की प्रतिभा के उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें स्किल्ड बनाने पर है। हमारे युवा स्किल्ड हों, कन्फिंडेंट हों, प्रैक्टिकल और कैल्कुलेटिव हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए देश के एजुकेशन सेक्टर में एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काम हुआ है। आज देश में बड़ी संख्या में नए कॉलेज खुल रहे हैं, नए विश्वविद्यालय खुल रहे हैं, नए IIT और IIM की स्थापना हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति अब मातृभाषा में पढ़ाई के रास्ते खोल रही है। इसी क्रम में, संस्कृत जैसी प्राचीन भारतीय भाषाओँ को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
'यूपी ने नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने का काम किया'
अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन के बाद पीएम मोदी अखिल भारतीय शिक्षा समागम के कार्यक्रम में पहुंचे। यहां शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित किया। यहां केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, यूजीसी के चेयरमैन और देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद हैं। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना संबोधन दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी विद्या की नगरी है। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्नातक स्तर पर लागू कर चुका है। 30 शासकीय और 35 निजी विवि में इसे लागू करने के साथ ही तकनीकि शिक्षा, कृषि शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा आदि क्षेत्र में यूपी ने इसे आगे बढ़ाने का काम किया है। यह व्यापक संभावना वाला क्षेत्र है। देशभर के शिक्षाविद् यहां मौजूद हैं।
वाराणसी: पीएम मोदी ने एलटी कॉलेज में अक्षय पात्र मध्यान्ह भोजन रसोई का किया उद्घाटन