सार

पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि अब देश में सरकारी नौकरियां नहीं निकल रही हैं। बेहद कम नौकरियों के लिए युवाओं से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं और परीक्षाएं कराई जाती हैं। लेकिन इन परीक्षाओं में भी बहुत अव्यवस्था होती है। कभी प्रश्नपत्र लीक हो जाता है, तो कभी परीक्षाओं का परिणाम घोषित नहीं किया जाता है। 

पीलीभीत: भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने बेरोजगार युवाओं की परेशानी को देखते हुए देश की परीक्षा प्रणाली पर कड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि एक तरफ तो देश में सरकारी नौकरियां नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ यदि कुछ नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित भी की जाती हैं तो उनमें इतना भ्रष्टाचार हो जाता है कि युवाओं को लंबे समय तक नौकरी नहीं मिलती और उन्हें परेशान होना पड़ता है। उन्होंने सवाल किया है कि आखिर देश का युवा इन परिस्थितियों को कब तक बर्दाश्त करे। वरुण गांधी की इस टिप्पणी को उत्तर प्रदेश में यूपी टीईटी परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार से जोड़कर देखा जा रहा है।

ट्वीट में लिखी ये बात

गुरुवार को को एक ट्वीट करते हुए पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि अब देश में सरकारी नौकरियां नहीं निकल रही हैं। बेहद कम नौकरियों के लिए युवाओं से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं और परीक्षाएं कराई जाती हैं। लेकिन इन परीक्षाओं में भी बहुत अव्यवस्था होती है। कभी प्रश्नपत्र लीक हो जाता है, तो कभी परीक्षाओं का परिणाम घोषित नहीं किया जाता है। उन्होंने रेलवे की एक परीक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि रेलवे में ग्रुप-डी की परीक्षाओं को समाप्त हुए दो वर्ष से अधिक का समय हो गया है, लेकिन इसका परिणाम अब तक घोषित नहीं किया गया है। इस परिणाम का इंतजार करोड़ों युवा आज तक कर रहे हैं।


भारतीय सेना में नौकरी को युवाओं में एक बड़े अवसर के रूप में देखा जाता है। लेकिन भाजपा सांसद ने आरोप लगाया है कि अब भारतीय सेना के लिए होने वाली परीक्षाओं में भी अव्यवस्था होने लगी है। इससे युवाओं में भारी निराशा पैदा हो रही है। उन्होंने पूछा है कि आखिर देश का युवा इन परिस्थितियों को कब तक बर्दाश्त करे। वरुण गांधी ने ग्रामीण भारत में युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर चिंता जताते हुए कहा कि ग्रामीण युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां ही रोजगार का सबसे प्रमुख साधन होती हैं, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के ज्यादा अवसर उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन समय के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में नौकरियां कम होती जा रही हैं, जिससे ग्रामीण युवा के लिए रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं और जिससे उनमें आक्रोश पैदा हो रहा है।