सार

सीएम  ट्वीट में लिखा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार, वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उदासीनता, असंवेदनशीलता और गैर-जिम्मेदाराना रवैया और इस मामले में चुप्पी साधे रहना मन दुखी कर देने वाला है।

लखनऊ (उत्तर प्रदेश) । राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। अभी तक अब तक यहां 102 बच्चों के मौत की खबर है। वहीं, अब इसे लेकर यूपी में सियासत गरमा गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर तंज कसा है। योगी ने जहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनकी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उनके माता होने का अहसास कराया है। साथ ही उनसे कोटा जाने की अपील भी की है। वहीं, मायावती ने कहा कि अच्छा होता कि कांग्रेस की बड़ी नेता उत्तर प्रदेश की तरह ही राजस्थान की पीड़ित माताओं से भी मिलतीं। 

महिला होकर भी माताओं का नहीं समझ पा रही दु:ख
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दु:खद और हृदय विदारक है। माताओं की गोद उजडऩा सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है। अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दु:ख नहीं समझ पा रहीं। इसके साथ ही सोनिया तथा प्रियंका गांधी से कोटा जाने की अपील भी की है।

बंद करें राजनीतिक नौटंकी
सीएम ने अगले ट्वीट में कहा कि श्रीमती वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं,जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती। इनको किसी की न चिंता है,न कोई संवेदना, जनसेवा नहीं सिर्फ राजनीति करनी है।

मायावती ने की कांग्रेस की तीखी आलोचना
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट पर लिखा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहाँ के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय।

मायावती ने यह भी कहा
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक और ट्वीट में लिखा कि यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ''मांओं " से नहीं मिलती हैं तो यहां अभी तक किसी भी मामले में उत्तर प्रदेश पीडि़तों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है।