सार
उत्तर प्रदेश में दोबारा वापसी के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर तक पहुंचाने के पूरे प्रयास कर रही है। साल 2022 में राज्य का निर्यात करीब 30 फीसदी बढ़ा भी है। योगी सरकार हर साल राज्य के 16 लाख स्नातकों को तैयार कर रही है।
सुधीर मिश्रा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राष्ट्र की 16 फीसदी आबादी रहती है। जून में प्रधानमंत्री मोदी ने 80 करोड़ रुपए से अधिक 1,406 परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। उत्तर प्रदेश के विकास पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के ध्यान दिए जाने से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है, इसी से वित्त वर्ष 2022 में राज्य का निर्यात करीब 30 फीसदी बढ़ गया है। राज्य सरकार ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए सरकारी स्कूलों में 6 से 14 साल के बीच के दो करोड़ बच्चों को दाखिला दिलाने का लक्ष्य रखा था।
राज्य हर साल 16 लाख स्नातक कर रहा तैयार
लेकिन जुलाई 2022 तक राज्य सरकार अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रही है क्योंकि इसने 1 पॉइंट 88 करोड़ बच्चों को सफलतापूर्वक नामांकित किया है, जो पूरे प्रदेश के 1.3 लाख स्कूलों में पढ़ रहे हैं। राज्य ने उच्च शिक्षा प्रणाली को पहले से काफी बेहतर किया है। राज्य हर साल करीब 16 लाख स्नातक तैयार करता है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं। प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 25.3 है जो कि राष्ट्रीय औसत (27.1) के बिल्कुल करीब है।
प्रदेश चीनी मॉडल का कर सकता अनुसरण
बुनियादी ढांचे के विकास के साथ उत्तर प्रदेश पूरे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को चलाने के लिए चीनी मॉडल का अनुसरण कर सकता है। इससे निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा हाल ही में तैयार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेस वे (जिस पर काम चल रहा है) और मौजूदा व्यापक सड़क नेटवर्क सभी सही दिशा में है। श्रम प्रधान उद्योगों में कपड़ा क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। वित्तीय वर्ष 2022 के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से निर्यात होने वाले सामान में कपड़ा परिधान की हिस्सेदारी 9 फीसदी यानी 12, 996 करोड़ रुपए थी। इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उत्पादों के बाद राज्य से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की सूची में परिधान तीसरे स्थान पर है। इस बीच नोएडा भारत का सबसे प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक निर्यात केंद्र बन रहा है।
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