सार

कुत्ते से वफादार प्राणी शायद ही कोई  दूसरा हो। कुत्ते आपने मालिकों के प्रति इतने संवेदनशील होते हैं कि कई बार उनकी जुदाई नहीं बर्दाश्त कर पाते। 

अलोआ, यू.के.।  कुत्ते वफादार होने के साथ ही बहुत संवेदनशील भी होते हैं। वे अपने मालिक के सुख-दुख से पूरी तरह जुड़े होते हैं। कुछ कुत्ते तो ऐसे होते हैं जो अपने मालिक की जुदाई नहीं सह पाते। यहां एक घटना में ऐसा ही हुआ। अलोआ शहर के  स्टुअर्ट हचिंस्टन नाम के एक शख्स को कुछ वर्षों से ब्रेन कैंसर था और उसका इलाज चल रहा था। उसने कई कुत्ते पाल रखे थे, पर नीरो नाम के कुत्ते का उससे बहुत लगाव था। नीरो अपने मालिक के बगैर नहीं रह पाता था। यहां तक कि जब स्टुअर्ट ट्रीटमेंट के लिए अस्पाताल जाता, तो नीरो भी उसके साथ जाया करता था। 

दो साल पहले चला था कैंसर का पता
स्टुअर्ट को ब्रेन कैंसर है, इसका पता 2017 में चला था। उस समय उसकी उम्र 23 वर्ष थी। इलाज शुरू हुआ। बाद में कीमोथेरेपी और सर्जरी हुई, पर कुछ सुधार होने के बाद कैंसर दोबारा से हो गया। स्टुअर्ट की सगाई हो चुकी थी, लेकिन फिलहाल वह अलोआ में अपनी मां के साथ रहता था। 

स्टुअर्ट के कैंसर का पता चलने के बाद कुत्ता भी रहने लगा बीमार
जब से यह पता चला कि स्टुअर्ट को कैंसर है और वह इलाज के लिए अस्पताल आने-जाने लगा, उसका प्रिय कुत्ता नीरो भी बीमार रहने लगा। उसका ज्यादा समय अपने मालिक के साथ ही बीतता था। नीरो को भी जानवरों के डॉक्टरों के पास दिखाया जाने लगा, पर उसकी सेहत भी गिरती ही जा रही थाी। 

2018 के अंत में हुई सर्जरी
कीमोथेरेपी के बाद 2018 के आखिरी महीने में स्टुअर्ट की सर्जर हुई, पर यह पूरी तरह सफल नहीं रही। बाद में बीमारी बढ़ती ही चली गई और डॉक्टरों ने इसे लाइलाज घोषित कर दिया। बावजूद उन्होंने आखिरी दम तक कोशिश की। 

11 अगस्त को हुई मौत
आखिरकार, इस वर्ष 11 अगस्त को स्टुअर्ट ने आखिरी सांसें लीं। परिवार के सभी लोगों के साथ ही कुत्ते के दुख का भी कोई ठिकाना नहीं था। उसने कुछ समय पहले से ही खाना-पीना छोड़ दिया था। दिन के 1.15 बजे के आसापास स्टुअर्ट की मौत हुई और इसके ठीक 15 मिनट बाद कुत्ते नीरो ने भी आंखें मूंद ली। इस घटना से स्टुअर्ट की फैमिली ही नहीं, आसापास के लोग भी बेहद दुखी हैं।