सार
सीताराम दास रामेश्वर्म में रहते हैं, यहां वह कई सालों से श्रद्धालुओं को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं। वह रोजाना करीब 500 से 600 लोगों को मुफ्त खाना खिलाते हैं।
रामेश्वर्म. गुजरात के रहने वाले एक बुजुर्ग ने समाज सेवा की मिसाल पेश की है। यह बुजुर्ग अपने आधी जिंदगी लोगों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं। जिसके कारण आज दुनिया भर में उनको जाना जाता है।
70 साल के सीताराम दास रामेश्वर्म में रहते हैं। यहां वह कई सालों से श्रद्धालुओं को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं। वह रोजाना करीब 500 से 600 लोगों को मुफ्त खाना खिलाते हैं।
सुबह 5 बजे खुद उठकर बनाते हैं रसोई
सीताराम दास एक बजरंग दास नाम का एक आश्रम चलाते हैं जिसमें सुबह 5 बजे उठकर वह खाना बनाना शुरू करते हैं। इसके बाद वह आते-जाते लोगों को मुफ्त में खाना खलाते हैं। इस सेवा भाव के साथ कि दुनिया में जो भी हैं जाति-धर्म से ऊपर उठकर सब एक इंसान ही हैं।
36 साल से कर रहे हैं सेवा
सीताराम के आश्रम में साउथ इंडियन और नॉर्थ इंडियन खाना मिलता है। इसके साथ जाति-धर्म और बिना लिंग भेदभाव के वह लोगों की सेवा करते हैं। मीडिया से बात करते हुए बाबा ने बताया कि, मैं 36 साल से यह आश्रम चला रहा हूं, यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता, सभी लोगों को एक समान हम मुफ्त में खाना देते हैं।
लोगों के चंदे से चल रहा आश्रम
सीताराम का आश्रम रामेश्वर्म राम नाथ स्वामी मंदिर के पास बना है। बाबा का कहना है कि वह यह आश्रम लोगों के दिए हुए चंदे से चला रहे हैं। उनके पास 10 लोगों की टीम है जो उन्हें इसमें मदद करती है। आने जाने वाले लोग जो भी अपने मन से चंदा दे जाते हैं उन्हीं पैसों से आश्रम में भूखों को भरपेट खाना खिलाया जाता है।