सार
पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान प्लास्टिक से होता है। प्लास्टिक एक ऐसा उत्पाद है, जो लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गया है। अब लोग इसके विकल्प के बारे में सोचने को मजबूर हो गए हैं।
हटके डेस्क। कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कंपनी कोका-कोला ने पहली बार ग्रीन बोतल बनाने का दावा किया है। कंपनी का कहना है कि समुद्र के प्लास्टिक के कचरे का इस्तेमाल कर पहली बार उसने इको-फ्रेंडली ग्रीन बोतल बनाया है, जिसमें अब कोल्ड ड्रिंक बेचे जाएंगे। ये बोतल प्लास्टिक को रीसाइकिल कर के बनाए गए हैं। कंपनी का कहना है कि फिलहाल इस तरह के 300 बोतल तैयार किए गए हैं। बता दें कि इसके लिए कंपनी ने स्पेन और पुर्तगाल के 84 समुद्र तटों से प्लास्टिक कचरा जमा किया था। इसके बाद इन्हें रीसाइकिल किया गया। कोका-कोला का कहना है कि वह धरती को प्लास्टिक के कचरे से मुक्त करने के लिए अभियान चलाएगी और इस तरह के ग्रीन बोतलों का ज्यादा से ज्यादा निर्माण करेगी, जबकि यह काफी खर्चीला है।
बढ़ता ही जा रहा है प्लास्टिक कचरा
बता दें कि प्लास्टिक कचरा लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। तमाम कंपनियां अपने उत्पादों की पैकेजिंग के लिए ऐसे सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं, जो पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। कोका-कोला कंपनी हर साल सिर्फ ब्रिटेन में ही 38,250 टन प्लास्टिक पैकेजिंग में इस्तेमाल करती है। ब्रिटेन में कोका-कोला 110 अरब प्लास्टिक की ऐसी बोतलों में अपने उत्पाद बेचती है, जिन्हें सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि पूरी दुनिया में प्लास्टिक का कितना ज्यादा इस्तमाल हो रहा है। इससे पर्यावरण को जितना नुकसान पहुंचता है, उतना दूसरी किसी चीज से नहीं। इसीलिए कई देश प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जानी चाहिए। इससे कैंसर और दूसरी तरह की कई जानलेवा बीमारियां बढ़ रही हैं।
कुछ और कंपनियां भी लगाएंगी प्लास्टिक पर रोक
कोका-कोला के इस कदम के बाद टेस्को और वालमार्ट जैसे मल्टीनेशनल स्टोर्स ने भी पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक की मात्रा में कटौती करने की घोषणा की है। पेप्सी, नेस्ले, यूनीलीवर और लॉरियल जैसी कंपनियों ने भी कहा है कि वे दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्लास्टिक के ज्यादा इस्तेमाल को बढ़ावा देंगी। इन कंपनियों का कहना है कि साल 2025 तक वे प्लास्टिक का इस्तेमाल बहुत कम कर देंगी।
पेपर और जूट बैग के इस्तेमाल को मिले बढ़ावा
पहले कोल्ड ड्रिंक कांच की बोतलों में मिलते थे। इन बोतलों को इस्तेमाल के बाद फिर वापस करना पड़ता था। लेकिन इनके महंगे होने के कारण कंपनियों ने प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल का आसान जरिया अपना लिया। पहले दुकानों में भी सामान पेपर की थैलियों या जूट के बैग में दिए जाते थे। इससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होता था। लेकिन अब बड़े-बड़े स्टोर्स में हर चीज के लिए अलग-अलग प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल किया जाता है। पर्यावरणविदों का कहना है कि इस पर सख्ती से रोक लगानी होगी, नहीं तो लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।