सार

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। अब दुनिया के ज्यादातर देश इस वायरस से बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। चीन के वुहान शहर में सबसे पहले यह वायरस सामने आया था। अभी भी इस वायरस का कोई कारगर टीका सामने नहीं आ सका है। 

हटके डेस्क। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। अब दुनिया के ज्यादातर देश इस वायरस से बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। चीन के वुहान शहर में सबसे पहले यह वायरस सामने आया था। इससे अभी तक पूरी दुनिया में करीब 10 हजार लोगों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा मौतें चीन में हुई हैं। भारत में भी 300 से ज्यादा लोग इसके संक्रमण के शिकार हो चुके हैं और 7 लोगों की मौत हो गई है। अभी तक इस वायरस का कोई कारगर टीका सामने नहीं आ सका है। इसे लेकर दुनिया भर में प्रयोग किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि टीके का परीक्षण चल रहा है और कुछ समय के बाद उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

कैसा है यह वायरस
इस खतरनाक और जानलेवा वायरस के बारे में जानने की उत्सुकता सभी लोगों के मन में है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस को बहुत ही शक्तिशाली माइक्रोस्कोप से देखा है। उनका कहना है कि इस वायरस का आकार एक बिंदु के 2000 गुना से भी छोटा है। यह हवा में और दूसरी चीजों पर जैसे हाथ में और कपड़ों पर जिंदा रह सकता है। इसके अलावा, यह वायरस दरवाजों के हैंडल और दूसरी चीजों पर भी रह सकता है। 

वैज्ञानिक भी देख कर रह गए हैरान
इस खतरनाक वायरस के इतने छोटे आकार को देख कर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए। इसके आकार का वास्तविक आकलन कर पाना आसान नहीं है। माइक्रोस्कोप में कोरोना वायरस को देखने के लिए इस वायरस को एक मिलीमीटर के एक लाखवें हिस्से के टुकड़े में विभाजित करना होगा। यही कारण है कि इसके वास्तविक आकार की कल्पना भी कर पाना आसान नहीं है।

हांगकांग यूनिवर्सिटी ने जारी की तस्वीर
कोरोना वायरस की तस्वीर हांगकांग यूनिवर्सिटी के एलकेएस फैकल्टी ऑफ मेडिसिन ने जारी की थी। इस वायरस का आकार माइक्रोमीटर में मापा गया है, जो एक मिलीमीटर का एक हजारवां हिस्सा होता है। वायरस का व्यास 20 नैनोमीटर के बीच होता है। एक नैनोमीटर एक माइक्रोमीटर का एक हजारवां हिस्सा होता है।