सार

सऊदी अरब में लोग ऊंट के मूत्र को दूध में मिलाकर पीते हैं। कुरान के एक अंश के मुताबिक, ऐसा करने से कई बीमारियां खत्म हो जाती हैं। लेकिन लोगों की आस्था का फायदा उठाने वाले भी कम नहीं हैं। 

सऊदी अरब: दुनिया में लोग धार्मिक ग्रंथों में लिखी बातों पर आंखें बंद कर यकीन करते हैं। कई ऐसी चीजें होती हैं, जिसके पीछे कोई लॉजिक नहीं होता, फिर भी धर्म के नाम पर लोग उसे करते हैं। कई रोगों के इलाज को लेकर ऐसा ही एक उपाय है, ऊंट के मूत्र को दूध में मिलाने का। इसे सऊदी अरब में काफी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो लोगों की आस्था से खिलवाड़ करते हैं। ऐसा ही एक मामला सऊदी अरब से सामने आया था। 

ऊंट का बताकर पिलाया अपना पेशाब 
मामला कुछ समय पहले का है। लेकिन कई लोग इसे सोशल मीडिया पर हाल में शेयर कर रहे हैं। सऊदी अधिकारियों ने पारंपरिक ऊंट मूत्र पेय की बिक्री करने वाली एक दुकान को बंद कर दिया था। पता चला था कि दुकान मालिक अपने पेशाब से बोतलें भर रहा था। डेली मेल में छपी खबर के अनुसार, हेल्थ इंस्पेक्टरों ने दक्षिण-पश्चिमी सऊदी अरब के बंदरगाह शहर अल कुन्फुदाह में एक विक्रेता के यहां छापा मारकर 70 से अधिक बोतलों को जब्त किया था।

दूध में पेशाब मिलाकर पीते हैं लोग 
उल्लेखनीय है कि ऊंट के मूत्र को दूध में मिलाकर पीने की सदियों से चली आ रही है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इसके कई स्थ्य लाभ भी हैं।इन लोगों का कहना है कि ऊंट का पेशाब न सिर्फ स्वस्थ रहने में मदद करता है बल्कि इसे पीने से एचआईवी एड्स जैसी बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है।
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों से ऊंट के पेशाब से दूर रहने को कहा है। उसके मुताबिक इससे कोई बीमारी ठीक नहीं होती, बल्कि उल्टा बीमारियां लगने का खतरा है।

कुरान में है जिक्र 
मुस्लिम पवित्र पुस्तक में पैगंबर मुहम्मद के उद्धरण शामिल हैं। इसके अनुसार, उकल या उरीना जनजाति के कुछ लोग मदीना (सऊदी अरब में) आए थे और जलवायु उनके अनुरूप नहीं थी। इसलिए पैगंबर ने उन्हें ऊंटों के झुंड में जाने और उनके दूध और मूत्र को (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया। इन लोगों ने ऐसा ही किया और वे स्वस्थ हो गए।