सार

अक्सर हम नरभक्षी लोगों की कहानियां सुनते हैं। कहा जाता है कि इतिहास में ऐसे कई लोग हुए जो इंसानों को मार कर खा जाया करते थे। ऐसी कई जंगली जातियों के बारे में भी बताया जाता है, जो नरभक्षी होती हैं। लेकिन कब्र खोद कर लाशों को कोई खा सकता है, इस पर यकीन करना आसान नहीं। 
 

हटके डेस्क। अक्सर हम नरभक्षी लोगों की कहानियां सुनते हैं। कहा जाता है कि इतिहास में ऐसे कई लोग हुए जो इंसानों को मार कर खा जाया करते थे। ऐसी कई जंगली जातियों के बारे में भी बताया जाता है, जो नरभक्षी होती हैं। यहां तक कि आधुनिक युग के कुछ शासकों जैसे युगांडा के तानाशाह दादा ईदी अमीन के बारे में कहा जाता है कि वे आदमखोर थे। उन्हें लोगों का ताजा मांस खाना काफी पसंद था। पता नहीं, इन बातों में कितनी सच्चाई है। बहरहाल, कुछ समय पहले पाकिस्तान में दो ऐसे सगे भाइयों को पकड़ा गया जो कब्रों को खोद कर लाशें निकाल लेते थे और फिर उनका मांस पका कर खा जाते थे। कब्र खोद कर लाशों को कोई खा सकता है, इस पर यकीन करना आसान नहीं, लेकिन यह सच है। दोनों आदमखोर भाई अब जेल में हैं।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हैं रहने वाले
बताया गया है कि ये दोनों सगे भाई पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले हैं। इनके नाम मोहम्मद फरमान अली और मोहम्मद आरिफ अली हैं। कहा जा रहा है कि इन दोनों ने पकड़े जाने से पहले तक करीब 150 कब्रों को खोद कर उनसे लाशें निकाल लीं और उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर पका के खा गए। जाहिर है, ऐसा उन्होंने कई सालों में किया। 

सबसे पहले 2011 में हुए गिरफ्तार
ये दोनों भाई नरभक्षी हैं और लाशों को खा जाते हैं, इसके बारे में सबसे पहले 2011 में पता चला। तब पुलिस ने इनके घर पर छापा मारा। ये दोनों शादीशुदा हैं, लेकिन इनके क्रूर स्वभाव और नरभक्षी होने के कारण इनकी पत्नियों ने इन्हें छोड़ दिया था। ये उन्हें बुरी तरह से मारते-पीटते थे और मार कर खा जाने की धमकी भी देते थे। इन्हें पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया। उनके घर में एक महिला की लाश के कुछ टुकड़े भी बरामद हुए थे। 

जज भी हैरत में
जब इन दोनों नरभक्षियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया तो वहां जज भी एकबारगी हैरत में रह गए। कब्र से लाशों को निकल कर खा जाने वाले हैवानों को पहली बार उन्होंने देखा था। यह किसी पाकिस्तानी अदालत में आया अपनी तरह का पहला मामला था। न्यायाधीश इसे लेकर बहुत ही परेशान थे, क्योंकि वे समझ नहीं पा रहे थे कि किस कानूनी प्रावधान के तहत इन्हें सजा दी जाए। आखिरकार, उन्हें 3-3 साल की जेल और 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा दी गई। उन्हें जेल में बंद कर दिया गया और साथ ही उनका मानसिक इलाज भी शुरू हुआ। 

जेल से छूटने के बाद फिर कब्रें खोदने लगे
तीन-तीन साल की जेल की सजा भुगतने और 50-50 हजार रुपए जुर्माना देने के बाद भी इनमें कोई सुधार नहीं हुआ। जेल से छूटने के बाद फिर से उन्होंने कब्रों को खोद कर लाशें निकालने का काम शुरू कर दिया। ये लाशों को किसी तरह छुपा कर लाते थे और घर में ही टुकड़े कर उनका मांस पकाते थे। उनके पड़ोसियों को यह संदेह हुआ कि वे फिर से हैवानियत भरा काम करने लगे हैं। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने जब उनके घर पर छापा मारा तो वहां एक बच्चे की लाश बरामद हुई जिसके टुकड़े किए जा चुके थे। साथ ही, एक बर्तन में पका हुआ मानव मांस भी मिला। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर फिर अदालत में पेश किया गया, जहां उन दोनों को 12-12 साल कैद की सजा सुनाई गई।