सार
कभी-कभी कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। लेकिन जब ऐसा होता है तो अच्छे-अच्छे लोग हैरान रह जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ 7 साल के लड़के रवीन्द्रनाथ के साथ, जिसे जबड़े में दर्द होने की वजह से डॉक्टर के पास ले जाया गया। जांच में पता चला कि उसके जबड़े में 527 दांत हैं। यह देख कर डॉक्टर्स भी दंग रह गए।
चेन्नई। करीब साल भर पहले चेन्नई में रहने वाले रवीन्द्रनाथ को जबड़े में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा। पहले भी कभी-कभी उसे जबड़े उसे मुंह में भारीपन महसूस होता था और जबड़ा दुखता था। वह लोकल डॉक्टर से दवाई ले लेता और उसे कुछ आराम मिल जाता। लेकिन एक दिन जब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया और वह छटपटाने लगा तो उसके पेरेंट्स को शक हुआ कि कहीं उसे माउथ कैंसर तो नहीं है। वे उसे चेन्नई के ही सविथा डेंटल कॉलेज में में जांच के लिए ले गए।
आई हुई थी विदेशी डॉक्टरों की टीम
यह रवीन्द्रनाथ के पेरेंट्स के लिए सौभागय की बात थी कि उसी समय डेंटल कॉलेज में विदेशी स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की एक टीम आई हुई थी। उस टीम ने रवीन्द्रनाथ की कई तरह की जांच की और कन्फर्म कर दिया कि उसे माउथ कैंसर नहीं है।
फिर हुई जांच और एक्स-रे
इसके बाद डॉक्टरों ने उसकी फिर से जांच शुरू की। उन्होंने पाया कि रवीन्द्रनाथ के मुंह में जबड़े के अलावा एक बड़ी, सख्त और भारी जैसी चीज है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसे निकाल दिया। यह ऑपरेशन बहुत जटिल था और इसमें डॉक्टरों की एक टीम लगी। इसके बाद लड़के को आराम मिल गया।
ऑपरेशन से निकले पार्ट को देख डॉक्टर रह गए हैरान
डॉक्टरों ने पाया कि ऑपरेशन करके जो पार्ट उन्होंने निकाला था, वह एक जबड़े की तरह था और उसमें 1 मिलीमीटर से लेकर 15 मिलीटमीटर साइज के करीब 527 दांत थे, जो इनेमल से कवर्ड थे और उनमें रूट भी थे जैसे नॉर्मल दांतो में होते हैं।
क्या कहा डॉक्टरों ने
डॉक्टरों ने कहा कि ऐसा केस शायद ही देखने को मिलता है। कई बार ज्यादा दांत निकल जाते हैं, जिससे परेशानी होती है, पर अलग से जबड़े का विकसित हो जाना और उसमें सैकड़ों दांतों का होना बहुत ही आसामान्य बात है। बहरहाल, सविथा डेंटल कॉलेज के प्रोफेसर पी. सेंतीनाथन ने कहा कि डॉक्टरों की टीम ने एनिस्थीसिया देकर ऑपरेशन किया और करीब 200 ग्राम वजन वाले उस जबड़े को निकाल दिया, जिसमें छोटे, मीडियम और बड़े साइज के 526 दांत थे।
पहले भी अस्पताल में भर्ती हुआ था लड़का
रवीन्द्रनाथ नाम का यह लड़का 2015 में भी मुंह और जबड़े में दर्द होने की परेशानी की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था। तब उसकी उम्र महज 3 साल थी। लेकिन तब उसकी पूरी जांच नहीं हो सकी थी, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था और बार-बार अस्पताल से भागने की कोशिश करता था।
अब है पूरी तरह ठीक
बहरहाल, ऑपरेशन के बाद अब लड़के को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन उसे जांच के लिए एक-दो बार अस्पताल जाना होगा। अब वह पूरी तरह नॉर्मल है। उसके पिता का कहना है कि अब उनकी जान में जान आई है। एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया। उनका बेटा अच्छी तरह खा-पी रहा है और उसे अब कोई तकलीफ नहीं है।