सार
हज़ारों साल पहले दफनाई गईं ममियाँ आज भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़माने में हमें हैरान कर रही हैं। मिस्र के ऑक्सिरीन्चस नामक पुरातात्विक स्थल, जहाँ पहले भी कई कीमती कलाकृतियाँ मिल चुकी हैं, वहाँ से सोने की जीभ और नाखून वाली 13 ममियाँ मिली हैं। माना जाता है कि ऑक्सिरीन्चस प्राचीन मिस्र के अमीर लोगों का कब्रिस्तान था। पहले से खुदाई चल रही जगह पर फिर से खुदाई शुरू होने पर यह नई खोज हुई। इसके साथ ही कई भित्तिचित्र भी मिले हैं। साथ ही दर्जनों ममियों वाला एक तीन कमरों का हॉल भी मिला है।
अभी मिली ममियाँ टॉलेमी काल की हैं। ये लगभग 304 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक पुरानी हैं। मिस्र के पर्यटन और पुरातत्व मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस काल में महान सिकंदर के सेनापतियों के उत्तराधिकारी मिस्र पर राज करते थे। इसी जगह से पुरातत्वविदों को पहले 16 सोने की जीभें मिली थीं। ऑक्सिरीन्चस में स्पेनिश-मिस्री पुरातात्विक मिशन टीम ने यह नई खोज की है।
मिस्रवासी अपनी मान्यताओं के चलते सोने की जीभ के साथ ममियों को दफनाते थे। उनका मानना था कि सोना 'देवताओं का मांस' होता है। इसलिए वे मानते थे कि सोने की जीभ मृत्यु के बाद की दुनिया में मृतकों को बोलने में मदद करेगी। इस नई खोज से पुरातत्वविदों का मानना है कि इस इलाके में उस समय एक बड़ा शवगृह रहा होगा और ये शव मंदिर और उस समय प्रचलित पशु पूजा से जुड़े उच्च वर्ग के लोगों के रहे होंगे।
13 सोने की जीभों के साथ २९ ताबीज भी मिले हैं। कुछ ताबीज भृंग के आकार के हैं। प्राचीन मिस्र के लोग भृंग को आकाश में सूर्य की गति से जोड़ते थे। साथ ही अन्य ताबीज होरस, थोथ और आइसिस जैसे मिस्री देवी-देवताओं के आकार के हैं। कुछ ताबीज एक से ज़्यादा देवी-देवताओं को मिलाकर बनाए गए हैं। इसके साथ ही कुछ भित्तिचित्र भी मिले हैं। इनमें से एक में वेन-नेफर नामक कब्र के मालिक को कई प्राचीन मिस्री देवी-देवताओं के साथ दिखाया गया है। एक और चित्र में मिस्री आकाश देवी नट का चित्र है। साथ ही, कई देवी-देवताओं वाली एक लंबी नाव का चित्र भी मिला है। मिले हुए चित्र अच्छी गुणवत्ता वाले हैं। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, उनके रंग भी ज़्यादा फीके नहीं पड़े हैं।